अभी भारत में कई क्षेत्रों में भारी बारीश ने लोगों को परेशान कर रखा है। बारिश तेज़ हो रही है, धारा बढ़ी है और कहीं‑कहीं बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि कौन-से राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
राजस्थान में 15 अगस्त से शुरू हुई मॉनसून ने फिर से धूम मचा दी है। कई जिलों में ओलावृष्टि, बिजली और बाढ़ का खतरा बताया गया है। IMD ने येलो अलर्ट जारी किया है जिससे प्रशासन और किसानों को सतर्क रहने की सलाह मिली है। इसी तरह उत्तराखंड में शहिद दिवस के अवसर पर कुछ हिस्सों में तेज़ बारिश रही, जिसके कारण कई पहाड़ी रास्ते बंद हो गए।
बिजली गिरने से लेकर बाढ़ तक, खबरें रोज़ अपडेट होती रहती हैं। हमारे पोर्टल पर आप रियासत‑विशेष की रिपोर्ट भी देख सकते हैं, जैसे कि राजस्थान के कुछ जिलों में अचानक लहराते पानी ने फसल को नुकसान पहुँचाया और स्थानीय प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
भारी बारीश का सामना करते समय सबसे ज़रूरी है सावधानी। घर से बाहर निकलते समय जाँचें कि रास्ते पर कोई जलभराव तो नहीं है। अगर आप ड्राइव कर रहे हैं, तो तेज़ी कम करें और ब्रेक धीरे‑धीरे लगाएँ ताकि स्किडिंग न हो।
बिजली गिरने का खतरा रहता है, इसलिए खुले मैदान या ऊँची जगहों से दूर रहें। यदि आपका घर बाढ़ के जोखिम वाले इलाके में है, तो जरूरी सामान ऊपर की मंजिल पर रखें और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को सुरक्षित रखें।
किसानों के लिए फसल बचाने की कुछ आसान उपाय हैं—पानी निकासी के लिए नालियों को साफ़ रखें और सड़कों पर जमा पानी को हटाकर फसलों तक पहुँच में बाधा न बनने दें। स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए अलर्ट को नियमित रूप से चेक करते रहें, ताकि आप समय पर कदम उठा सकें।
अगर आपको तुरंत मदद चाहिए तो अपने निकटतम राहत केंद्र या पुलिस थाने का नंबर याद रखें। कई बार सामाजिक मीडिया पर भी अपडेट मिलते हैं, लेकिन आधिकारिक स्रोतों की पुष्टि ज़रूर करें।
भारी बारीश के समय हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए—पड़ोसी को जलभराव वाले रास्ते से बचा कर, बुजुर्गों को सुरक्षित जगह पहुंचाकर और जरूरतमंद परिवारों को खाना-पानी देकर हम समुदाय में सुरक्षा का माहौल बना सकते हैं।
टैग पेज पर आप सभी संबंधित खबरें एक ही जगह पढ़ सकते हैं—भारी बारीश की अलर्ट, स्थानीय रिपोर्ट, बचाव कार्य और मौसम विज्ञानियों के विश्लेषण। हमारी टीम हर घंटे नई जानकारी जोड़ती रहती है, इसलिए बार‑बार विज़िट करें और अपडेट रहें।
याद रखें, बारिश खुद में खूबसूरत हो सकती है लेकिन जब वह भारी हो जाए तो सावधान रहना ज़रूरी है। सही जानकारी और तेज़ कार्रवाई से आप अपने और दूसरों के जीवन को सुरक्षित रख सकते हैं।
चक्रवात फेंगल के कारण चेन्नई और उत्तरी तमिलनाडु के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। 90 किमी प्रति घंटा की गति वाली हवाओं और अत्यधिक वर्षा की भविष्यवाणी की गई है। तमिलनाडु सरकार ने 2000 से अधिक राहत शिविर लगाए हैं और आपातकालीन उपाय किए हैं। नागरिकों को सुरक्षित रहने के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने चेन्नई और आसपास के 11 तटीय जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें 7 से 12 नवंबर तक भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। यह चेतावनी दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में चक्रवाती परिसंचरण के कारण दी गई है, जिससे मजबूत पूर्वी हवाओं द्वारा पर्याप्त बारिश हो सकती है। लोगों को मौसम की स्थिति के बदलने पर सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
कोझिकोड के चार स्कूल जो वर्तमान में राहत शिविर के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं, उन्हें जिला कलेक्टर द्वारा भारी बारिश के कारण छुट्टी दे दी गई है। इसके साथ ही वायनाड जिले के सभी शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहेंगे।