NEET 2025: एग्जाम पैटर्न में पूरी तरह बदलाव

अगर आप NEET 2025 की तैयारी कर रहे हैं, तो पैटर्न में आया यह बड़ा बदलाव आपके लिए सबकुछ बदल सकता है। इस बार NEET ने कोरोना के पहले वाला एग्जाम पैटर्न वापस ला दिया है। अब 200 में से किसी भी विकल्पीय सवाल को छोड़ने की सुविधा खत्म कर दी गई है। सभी 180 सवाल आपको हल करने ही होंगे – कोई भाग्य या स्किपिंग की जगह नहीं!

पहले स्कूल और कोचिंग वाले बताते थे – “देखो, विकल्पीय सेक्शन-B में से आसानी से सवाल निकाल लो और टाइम बचा लो।” अब ऐसा नहीं चलेगा, हर टॉपिक की गहराई से तैयारी करनी ही होगी।

फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी – तीनों ही सब्जेक्ट के उस पुराने फॉर्मेट पर लौट आए हैं जिसमें फिजिक्स से 45, केमिस्ट्री से 45 और बायोलॉजी (बॉटनी+जूलॉजी) से 90 सवाल पूछे जाएंगे। फर्क बस इतना है कि अब एक भी सवाल छोड़ने का ऑप्शन नहीं है।

टाइम और सेलेक्शन प्रोसेस भी बदला, रिस्क बढ़ा

अब बात करते हैं एग्जाम पैटर्न के सबसे चौंकाने वाले हिस्से की – परीक्षा का समय। पहले जहां 200 मिनट मिलते थे, अब बस 180 मिनट मिलेंगे। यानी हर सवाल के लिए एक ही मिनट है। सोचिए, अगर किसी सवाल में फंस गए तो बाकी की पूरी प्लानिंग गड़बड़। जिनकी टाइम-मैनेजमेंट प्रैक्टिस मजबूत नहीं है, उनके लिए दिक्कत और बढ़ जाएगी।

टाई-ब्रेकिंग में भी बदलाव आया है। अगर सारे मापदंड एक जैसे हो गए, तो अब फाइनल निर्णय एक एक्सपर्ट पैनल के जरिए, रैंडम प्रोसेस से होगा। यानी टॉप रैंकर्स के बीच अब तक की सबसे कड़ी टक्कर!

आवेदन आसान करने के लिए APAAR ID पूछी जाएगी, जिससे स्कूल रिकॉर्ड खुद-ब-खुद वेरिफाई हो जाएंगे – इससे फार्म भरने में फर्जीवाड़ा रुकेगा और छात्रों को बार-बार डॉक्युमेंट अपलोड नहीं करना पड़ेगा। वैसे, एग्जाम सेंटर की संख्या थोड़ी कम तो हो गई है (557 से 552), लेकिन अब आप तीन शहर चुन सकते हैं – पहले सिर्फ दो ही मिलते थे।

  • मेडिकल एंट्रेंस के स्टूडेंट के सामने अब नया चैलेंज – हर कमजोर टॉपिक को भी उतनी ही गहराई से पढ़ना जरूरी, क्योंकि अब कोई भी छोड़ने का चांस नहीं।
  • नकारात्मक मार्किंग का खतरा बढ़ गया। सभी सवाल हल करने की टेंशन में जल्दबाजी में गलत जवाब देना भारी पड़ सकता है।
  • एग्जाम स्ट्रेटजी आसान जरूर हुई – अब किसी ऑप्शनल सवाल की टेंशन नहीं, लेकिन सारी मेहनत शुद्ध रूप से बेसिक्स और टाइम-प्रेशर पर टिक गई हैं।

कोचिंग टीचर लगातार कह रहे हैं – ज़्यादा से ज़्यादा मॉक टेस्ट दो, टाइमर के साथ। तभी आप असली पेपर के प्रेशर को समझ पाओगे और गलती से बच पाओगे। अब स्टूडेंट्स को हर टॉपिक, हर चैप्टर पर पूरी पकड़ बनानी होगी। जिनकी तैयारी अधूरी है या बाहर का शॉर्टकट ढूंढ़ने वाले हैं, उनके लिए मुश्किलें और बढ़ गई हैं।