ग्राहम थोर्प का क्रिकेट करियर
ग्राहम थोर्प, जिन्होनें इंग्लैंड के लिए 100 टेस्ट मैच खेले और अपने असाधारण कौशल और दृढ़ निश्चय के लिए जाने जाते थे, का 55 वर्ष की आयु में निधन हो गया। थोर्प की बल्लेबाजी की विशेषता उनकी संयम और जिम्मेदारी थी, जिसने उन्हें अपने टीम के साथी खिलाड़ियों के बीच बहुत प्रिय बना दिया था। 2000 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची में उनका नाबाद 64 रन की पारी, जो कठिन परिस्थितियों में एक नाटकीय जीत हासिल करने में मददगार साबित हुई, उनके करियर की सबसे यादगार परियों में से एक है।
एक प्रेरणादायी करियर की शुरुआत
अगस्त 1, 1969 को जन्मे ग्राहम थोर्प ने बहुत ही युवा उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। खेल के प्रति उनकी समर्पणशीलता और जिस शांति और कुशलता के साथ वो संकट के क्षणों में खेलते थे, वह उन्हें उनके साथी खिलाड़ियों के बीच अत्यधिक आदरणीय बनाता था। उनका क्रिकेट करियर वास्तव में प्रेरणादायी था, जो उन्होंने 1988 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट के माध्यम से शुरू किया और शीघ्र ही अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे।
कठिनाइयों के बावजूद मजबूत वापसी
थोर्प की निजी जिंदगी में परेशानियों का दौर भी आया। 2002 में उनका विवाहिक जीवन में दरार आई, जिससे उन्होंने एक असीमित अवधि के लिये क्रिकेट से ब्रेक लिया। लेकिन 2003 में उन्होंने एक अविश्वसनीय वापसी की और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ओवल में एक शानदार शतक बनाया। इसका अर्थ था कि उन्होंने न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि हासिल की, बल्कि अपने टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान भी दिया।
संगठानात्मक चुनौतियों का सामना करते हुए
ग्राहम थोर्प ने अपने करियर के अंतिम वर्षों में कई कठिन परिस्थितियों का सामना किया, जिनमें कुछ पत्रकारों के साथ संघर्ष भी शामिल था। परंतु मैदान पर उन्हें कोई विचलित नहीं कर सकता था। वो अपने खेल पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित रखते थे और उसकी बदौलत अपने टीम को संकटमय स्थितियों से बाहर निकालते थे।
कोचिंग में ग्राहम थोर्प का योगदान
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद थोर्प ने कोचिंग में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में कुछ सबसे बड़े खिलाड़ियों जैसे स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर को मार्गदर्शन दिया। 2010 में वह इंग्लैंड की कोचिंग स्टाफ में शामिल हुए और बाद में 2022 एशेज श्रृंखला के दौरान सहाय्यक कोच के रूप में कार्य किया।
एक अंत और नया आरंभ
उनकी कोचिंग यात्रा कठिनाइयों से भरी थी, और इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड द्वारा 2022 में 'रेड-बॉल रीसेट' के तहत उन्हें मुक्त कर दिया गया। बावजूद इसके, उनके योगदान को हमेशा सराहा जाएगा।
परिवार और विरासत
ग्राहम थोर्प का जाना उनके परिवार और प्रशंसकों के लिए एक बड़ी क्षति है। वह अपने पीछे पत्नी अमांडा, बच्चे हेनरी, अमेलिया, और एम्मा, सौतेली बेटी किटी और पिता ज्योफ को छोड़ गए हैं। 5 अगस्त, 2024 को उनकी मौत की घोषणा की गई। क्रिकेट की दुनिया ने एक महान खिलाड़ी और कोच को खो दिया है।