वेस्टइंडीज की दमदार जीत, साउथ अफ्रीका की बैटिंग फ्लॉप

ट्वेंटी-20 मैचों में कुछ भी हो सकता है, लेकिन जो हुआ वो शायद साउथ अफ्रीका ने खुद भी नहीं सोचा था। पिच पर उतरे तो महज 42 रन पर पांच विकेट गिर चुके थे। शुरुआती झटकों के बाद लगा शायद अफ्रीका के लिए 100 रन भी मुश्किल होंगे, लेकिन मिडिल ऑर्डर के मजबूत प्रदर्शन ने पूरी कहानी बदल दी। जिसने भी ट्रिस्टन स्टब्स की बल्लेबाजी देखी, वो उनके सिक्सर और शॉट सलेक्शन की तारीफ किए बिना नहीं रह सका।

स्टब्स ने परिस्थितियों से लड़ते हुए क्रीज पर टिके रहने का फैसला किया और रन बनाते रहे। इसी दौरान बल्लेबाजों ने छोटी-छोटी पार्टनरशिप भी जोड़ीं और 174 तक स्कोर पहुंचाया। इतना जरूर है कि शुरुआती झटकों के बाद इस स्कोर तक पहुंचना साउथ अफ्रीका के जज्बे की मिसाल है।

वेस्टइंडीज की बैटिंग: लक्ष्य आसान बना दिया

साउथ अफ्रीका की वापसी की उम्मीद थी, लेकिन वेस्टइंडीज की बैटिंग लाइनअप ने किसी भी वक्त दबाव नहीं आने दिया। खासकर टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर ने संयम से खेला। जब लगा कि विकेट जल्दी गिर सकते हैं, तभी अनुभवी बल्लेबाजों ने मोर्चा संभाला। तेज-तर्रार पारी खेली गई और मैदान के चारों ओर गेंद गई।

मैच का असली हीरो रहा मैथ्यू फोर्ड का स्पेल। उन्होंने गेंदबाजी में कमाल करते हुए साउथ अफ्रीका को पिछड़ने पर मजबूर किया। फोर्ड की गेंदों ने बल्लेबाजों को बांध दिया, जिससे पिच पर बड़े शॉट खेलना मुश्किल हो गया। यही वजह रही कि साउथ अफ्रीका की पूरी टीम संभलने के बावजूद कमजोर दिखी। वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों ने शानदार स्ट्रोक्स खेले और 13 गेंद बाकी रहते 7 विकेट से मैच जीत लिया।

  • WI vs SA मैच में वेस्टइंडीज की रणनीतिक सोच की झलक साफ नजर आई।
  • ओपनिंग जोड़ी ने शुरुआत से ही रनों की रफ्तार पकड़ ली।
  • कमज़ोर शुरुआत के बावजूद, साउथ अफ्रीका ने मिडिल में संघर्ष दिखाया।
  • दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने अलग-अलग मोर्चों पर कमाल किया—फोर्ड की गेंदबाजी और स्टब्स की बल्लेबाजी को हर कोई याद रखेगा।

मैच में निकोलस पूरन भी चर्चा में रहे। हालांकि वो साउथ अफ्रीका की ओर से नहीं खेले, पर उनकी हरकतों और स्लेजिंग पर फैन्स ने सोशल मीडिया पर खूब मीम्स बनाए। वेस्टइंडीज को अब अपनी इस जीत के साथ आगे के मैचों में भी हौसले बुलंद रखने होंगे। साउथ अफ्रीका को अपनी कमजोर शुरुआत का हल ढूंढना ही होगा, वरना नतीजे ऐसे ही आते रहेंगे।