राज्यसभा में बीजेपी की ताकत में गिरावट
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राज्यसभा में सदस्य संख्या घटकर 86 हो गई है। इस गिरावट का कारण चार वरिष्ठ सदस्यों सोनल मानसिंह, महेश जेठमलानी, राकेश सिन्हा और राम शकाल का कार्यकाल समाप्त होना है। यह पहली बार है जब पिछले कई वर्षों में पार्टी की सदस्य संख्या में गिरावट आई है।
एनडीए की भी स्थिति कमजोर
बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सीटें अब 101 पर आ गई हैं, जो 245 सदस्यीय राज्यसभा में बहुमत के निशान 113 से कम हैं। यह स्थिति बहुमत हासिल करने के लिए एनडीए के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
आने वाले उपचुनावों में बीजेपी और एनडीए को उम्मीद है कि वे बिहार, महाराष्ट्र और असम में दो-दो सीटें, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा में एक-एक सीट जीत सकते हैं। इसके अलावा, सरकार चार नए सदस्यों को नामांकित करने की भी योजना बना रही है, जो संभवतः ट्रेजरी बेंचों का समर्थन करेंगे।
राज्यसभा में 19 सीटें खाली
फिलहाल राज्यसभा में 19 सीटें खाली हैं, जिनमें कांग्रेस को उम्मीद है कि वे तेलंगाना में एक सीट जीत सकती है लेकिन राजस्थान में एक सीट खो सकती है। बीजेपी हरियाणा में एक सीट जीतने के लिए आत्मविश्वास से भरी हुई है।
संभावित उपचुनाव
उपचुनावों के दौरान, चुनाव आयोग को 11 सीटों के लिए चुनाव की तारीख भी घोषित करनी है, जो 11 सदस्यों के इस्तीफे के कारण खाली हो गई हैं। इनमें से 10 सदस्य लोकसभा के लिए चुने गए थे और एक सदस्य कांग्रेस में शामिल हुआ था।
बीजेपी और एनडीए के सामने यह महत्वपूर्ण समय है, जहां उन्हें अपनी ताकत को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए नई रणनीतियों का निर्माण करना होगा। आगामी उपचुनाव और राजनैतिक नियुक्तियों से स्थिति कैसे बदलती है यह देखना दिलचस्प होगा।