भारत-पाक के बीच तनाव, PSL का स्थगन और खिलाड़ियों में दहशत
पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) का 10वां सीजन अचानक उस वक्त थम गया, जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालात और बिगड़ने लगे। एक तरफ सीमा पर सैन्य तनाव था, दूसरी तरफ क्रिकेटर्स और दर्शकों का दिल बैठा हुआ था। बांग्लादेश के लेग स्पिनर रिषाद हुसैन ने उस रात की हैरतअंगेज़ कहानी मीडिया से साझा की, जो सभी क्रिकेट प्रेमियों के लिए झटका था।
रिषाद इस दौरान लाहौर कलंदर्स की टीम में थे। जब PSL को सुरक्षित रखने के लिए स्थगित किया गया, उस समय लगभग सभी विदेशी खिलाड़ी अपने घर लौटने को लेकर परेशान और डरे हुए थे। PSL के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि खिलाड़ियों को बड़े स्तर पर निकालना पड़ा और वो भी उस वक्त, जब जिस एयरपोर्ट से वे बाहर जा रहे थे, वहां कुछ मिनट पहले ही मिसाइल हमला हुआ था। राहत की बात ये रही कि बोर्ड और फ्रेंचाइज़ी मालिकों ने खिलाड़ियों की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा और बिना समय गंवाए उन्हें एक खास चार्टर्ड फ्लाइट में दुबई भेज दिया गया।
विदेशी खिलाड़ियों की भावनाएँ और मैदान के बाहर की कहानी
घटनाक्रम के दौरान न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर डेरिल मिचेल ने साफ-साफ कह दिया कि वो ऐसी स्थिति में PSL खेलने पाकिस्तान लौटना ही नहीं चाहेंगे। इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ टॉम करन हवाईअड्डा बंद होते ही रो पड़े और पूरे स्टाफ को उन्हें ढांढस बंधाना पड़ा। सैम बिलिंग्स, कुसल परेरा और डेविड वीज़ जैसे खिलाड़ी भी बुरी तरह घबराए हुए थे।
इसी दौरान, बांग्लादेश के रिषाद ने आगे बताया कि, 'खिलाड़ियों के चेहरे पर जो डर था, वह मैंने पहले कभी किसी टूर्नामेंट में नहीं देखा। सोचा नहीं था कि युद्ध जैसी हालत में इस तरह की स्थिति देखने को मिलेगी।'
सभी विदेशी खिलाड़ियों का तुरंत UAE भेजा गया, जहां से वे अपने-अपने घर के लिए रवाना हो गए। PCB चेयरमैन मोसिन नक़वी खुद लगातार फ्रेंचाइज़ी और खिलाड़ियों से संपर्क में थे। सुरक्षा की सारी तैयारियां इतनी खामोशी और फुर्ती से की गईं कि रातों-रात सभी विदेशी खिलाड़ी पाकिस्तान से सुरक्षित निकल पाए।
बाद में रिषाद हुसैन को अपनी कही बातों को लेकर सफाई भी देनी पड़ी। उन्होंने सोशल मीडिया पर साफ किया कि मीडिया ने उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया। उनका मकसद खिलाड़ियों के डर को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना नहीं, बल्कि हालात की सच्चाई लोगों तक पहुंचाना था। PSL में विदेशी खिलाड़ियों का डर दिखाता है कि मैदान के बाहर भी खेल तब तक महफूज़ नहीं रहता, जब देश का माहौल अशांत हो।
Ruhi Rastogi
जुलाई 19, 2025 AT 11:45Kunal Agarwal
जुलाई 21, 2025 AT 10:22पाकिस्तान में भी लोग अच्छे हैं, बस सरकारें बदल गईं।
Amanpreet Singh
जुलाई 22, 2025 AT 17:53Kanisha Washington
जुलाई 23, 2025 AT 18:36Gaurav Garg
जुलाई 25, 2025 AT 13:27Abhishek Ambat
जुलाई 25, 2025 AT 20:26Aayush Bhardwaj
जुलाई 26, 2025 AT 00:18Suman Arif
जुलाई 27, 2025 AT 17:13mohit malhotra
जुलाई 28, 2025 AT 13:14Sarith Koottalakkal
जुलाई 29, 2025 AT 13:54Sri Vrushank
जुलाई 30, 2025 AT 05:17Praveen S
जुलाई 31, 2025 AT 14:24क्या हम अपने देश के लिए इतना गर्व करते हैं कि दूसरे के डर को नकार दें?
Rajat jain
जुलाई 31, 2025 AT 14:27Kunal Agarwal
अगस्त 1, 2025 AT 17:53पाकिस्तान में भी लोग अच्छे हैं, बस सरकारें बदल गईं।
Gaurav Mishra
अगस्त 3, 2025 AT 03:31Meenakshi Bharat
अगस्त 4, 2025 AT 03:22