ओडिशा विधानसभा चुनाव परिणाम 2024: बीजेपी की बढ़त

ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों की घोषणा हो रही है, और इस बार चुनावी सरगर्मी बेहद तेज है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 78 सीटों पर अपनी बढ़त बनाई है, जबकि बीजू जनता दल (बीजेडी) 53 और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) 14 सीटों पर आगे चल रही है। इस बार के चुनाव 147 विधानसभा सीटों और 21 लोकसभा सीटों के लिए चार चरणों में 13 मई से 1 जून तक कराए गए थे।

चुनावी तिथि और प्रक्रिया

चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि ओडिशा में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव साथ-साथ होंगे। ये चुनाव चार चरणों में कराए गए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हर क्षेत्र में चुनाव सुचारू रूप से हो सकें। चुनावी माहौल को समझने के लिए 1 जून को अनेक एग्जिट पोल जारी किए गए थे, जिनमें से कई में बीजेपी की बढ़त का अनुमान लगाया गया था।

बीजेपी नेताओं की स्थिति

बीजेपी के उम्मीदवार सुरेश पुजारी ब्रजराजनगर विधानसभा क्षेत्र से आगे चल रहे हैं। वहीं लोकसभा सीटों के लिए बीजेपी 19 सीटों पर आगे है, जबकि बीजेडी और कांग्रेस केवल 1-1 सीट पर ही बढ़त बनाए हुए हैं। खासकर आस्का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी की उम्मेदवार अनीता सुभदर्शिनी की बढ़त महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

बीजेडी की स्थिति

बीजेडी, जो 24 वर्षों से ओडिशा पर शासन कर रही है, इस बार भी मजबूत चुनौती पेश कर रही है। बीजेडी के उम्मीदवार रोमनचा रंजन बिस्वाल देवगढ़ विधानसभा सीट से 22,876 वोटों की बढ़त से आगे चल रहे हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में बीजेडी ने इस चुनाव में भी अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने का प्रयास किया है।

कांग्रेस की चुनौती

कांग्रेस के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण साबित हो रहा है क्योंकि वह केवल 14 सीटों पर ही अपनी बढ़त बना पाई है। पिछली बार कांग्रेस ने केवल 1 लोकसभा सीट जीती थी, और विधानसभा में भी उसका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था।

बीजेडी ने 2019 के चुनावों में 12 लोकसभा सीटें और बीजेपी ने 8 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने मात्र 1 लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। इस बार के परिणामों में बदलाव की उम्मीद की जा रही थी, और एग्जिट पोल्स ने भी इसका संकेत दिया था।

स्थानीय मुद्दों की भूमिका

ओडिशा के चुनावों में स्थानीय मुद्दों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जनता को आर्थिक विकास, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। चुनाव प्रचार के दौरान, सभी प्रमुख पार्टियों ने इन मुद्दों पर जोर दिया था, ताकि जनता का समर्थन प्राप्त किया जा सके।

चुनाव के बाद के संभावित परिणाम

चुनाव परिणामों के बाद, यह देखना होगा कि राज्य की राजनीति किस दिशा में जाती है। यदि बीजेपी सत्ता में आती है, तो यह एक बड़ी परिवर्तन की दिशा दिखाई देगी। वहीं, बीजेडी के सत्ता में बने रहने का मतलब होगा कि वर्तमान राजनीतिक स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।

ओडिशा के चुनाव परिणाम न केवल राज्य के लिए, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। ये परिणाम दर्शाते हैं कि जनता का मूड और राज्यों में राजनीतिक पटल कैसे बदल रहा है।