करुण नायर: इंतजार की घड़ी खत्म, IPL में जबरदस्त वापसी

सोचिए, कोई बल्लेबाज लगभग तीन साल बाद IPL की पिच पर उतरता है और पहली ही पारी में ऐसा तूफान लाता है कि क्रिकेट प्रेमियों की धड़कनें तेज हो जाएं। करुण नायर के लिए ये सफर कोई आसान नहीं रहा। 1076 दिन यानी करीब तीन साल IPL से दूर रहने के बाद उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स की ओर से मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच में 40 गेंदों पर 89 रनों की अजूबा पारी खेली। जब दिल्ली जल्दी से जेक फ्रैज़र-मैकगर्क का विकेट गंवा बैठी, नायर इम्पैक्ट सब्स्टिट्यूट के तौर पर उतरे और मुंबई के घातक गेंदबाजों पर भी भारी पड़े।

नायर का बल्ला इतना गरजा कि जसप्रीत बुमराह जैसे तेज़ गेंदबाज के ओवर में 18 रन बटोर डाले। सबसे खास बात ये रही कि उन्होंने अपने IPL करियर की सबसे तेज फिफ्टी सिर्फ 22 गेंदों में पूरी की। दिल्ली को 206 रनों का लक्ष्य मिला था, वे करीब पहुंच भी गई, लेकिन आखिर में 12 रनों से मैच हार गई—पर हर क्रिकेट फैन की जुबां पर सिर्फ नायर का नाम।

पारी के दौरान चौकों और छक्कों की बरसात हुई; 12 चौके और 5 छक्के। उनकी ये धाकड़ पारी पुराने दिनों की याद दिला गई—जब वे टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जमा चुके हैं। बहुत लोग उनके संघर्ष और मानसिक मजबूती की मिसाल देने लगे।

घरेलू क्रिकेट में किया कमाल, परिवार का इमोशनल सपोर्ट

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IPL से बाहर रहने के दौरान करुण नायर ने हार नहीं मानी। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में विदर्भ के लिए खूब रन बनाए—विजय हज़ारे ट्रॉफी में 389.50 की औसत से 779 रन, रणजी ट्रॉफी में टोटल 863 रन और टीम को खिताब भी दिलाया। इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट के दौरान नॉर्थम्पटनशायर के लिए 56.61 की औसत से 736 रन ठोक डाले।

उनका एक पुराना सोशल मीडिया पोस्ट फिर वायरल हो गया जिसमें नायर ने लिखा था, 'डियर क्रिकेट, मुझे एक मौका और दे दो'। उनकी वापसी, आईपीएल की चमकदार पारी ने इस गुजारिश को हकीकत में बदल दिया।

ये सफर परिवार के बिना अधूरा था। पत्नी सनाया टंकारिवाला नायर ने उनके साथ एक 2017 की तस्वीर शेयर की जिसमें करुण दिल्ली डेयरडेविल्स के जर्सी में हैं, साथ ही 2025 की फैमिली फोटो—पूरे परिवार ने दिल्ली कैपिटल्स की जर्सी पहनकर इस खास पल को सेलिब्रेट किया।

बेशक, अगले ही मैच में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ वे 3 गेंद में शून्य पर आउट हो गए और कैमरा में उनकी निराशा भी कैद हो गई—लेकिन क्रिकेट में फॉर्म से ज्यादा ज़रूरी खेल में जुनून और जज़्बा है। नायर ने फिर साबित किया कि टैलेंट और मेहनत अगर जिन्दा हो तो वापसी हमेशा शानदार होती है।