जब दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,20,740 प्रति 10 ग्राम पर पहुँची, तो बाजार में हलचल मच गई। यह आंकड़ा सोने‑सिल्वर मूल्य अपडेटभारत के दोपहर‑पर‑शाम के सत्र में दर्ज किया गया, जो इस साल की सबसे तेज़ उछाल में से एक था।

पृष्ठभूमि: क्या बदल रहा है?

पिछले तीन दिनों तक सोने की कीमत लगातार गिरती रही थी, लेकिन 7 अक्टूबर को ट्रेडर्स ने अचानक खरीद‑दांव लगा दिया। इस उतार‑चढ़ाव का मुख्य कारण वैश्विक मुद्रास्फीति दबाव, रुकी हुई अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की नीति, और भारतीय शादी‑और‑त्यौहार सीजन के साथ बढ़ती मांग बताया जा रहा है। World Gold Council के एक रिपोर्ट में कहा गया कि जुलाई‑अगस्त में सोने की कीमतों में 3 % की गिरावट के बाद, मौसमी मांग ने इन्हें फिर से ऊपर धकेला है।

आज की कीमतें: डिटेल में क्या कहा गया?

भवन‑से‑भवन कीमतों में अंतर स्पष्ट था। बड़े शहरों के थोक‑बाजार में 24 कैरेट सोने की कीमत 10 ग्राम पर लगभग ₹1,20,360 से ₹1,20,740 तक बदलती रही, जबकि खुदरा बाजार में ₹1,22,070 पर पहुँच गई। 22 कैरेट का रिटेल मूल्य ₹1,12,000 प्रति 10 ग्राम रहा, यानी पिछले सत्र से ₹1,150 की बढ़ोतरी। 18 कैरेट के लिये दिल्ली के सिराफा बाजार ने ₹91,670, कोलकाता और मुंबई ने ₹91,520, और चेन्नई ने पूरे देश में सबसे ऊँची ₹92,750 दर्शायी।

सिल्वर की बात करें तो, 1 किलो सिल्वर की कीमत ₹1,57,000 पर बंद हुई, जो पिछले दिन से ₹1,000 का इजाफ़ा है। सिल्वर की कीमतें भी तेज़ी से बढ़ रही हैं, क्योंकि निवेशकों ने सोने के साथ‑साथ सिल्वर को भी सुरक्षित आश्रय माना है।

शहर‑दर‑शहर: कीमतों का मानचित्र

जैसे ही मुंबई के डॉवर्सल में 24 कैरेट की कीमत ₹1,20,400 रही, वहीं चेन्नई के सिराफा बाज़ार ने 24 कैरेट के लिये ₹1,21,000 की दर रखी। कोलकाता में 22 कैरेट ने ₹1,10,710 की कीमत दर्ज की, जबकि इंदौर और भोपाल में 18 कैरेट लगभग समान स्तर पर रहा – क्रमशः ₹91,570 और ₹91,560। ये भिन्नताएँ स्थानीय टैक्स, ट्रांसपोर्ट लागत और बाज़ार की खरीद‑शक्ति पर निर्भर करती हैं।

विशेषज्ञ राय: क्या सोचते हैं एनालिस्ट?

"इस मौसमी उछाल को देखते हुए, अगले दो‑तीन हफ़्तों में कीमतें स्थिर रह सकते हैं," कहते हैं अनिल शर्मा, Mithila Bullion Ltd. के वरिष्ठ विश्लेषक। उन्होंने बताया कि "गिरते हुए यू.एस. डॉलर और बढ़ते हुए भारतीय उपभोक्ता ख़र्च दोनों ही हाथ में हाथ डाल कर सोने की कीमत को सपोर्ट करेंगे।" दूसरी ओर, सविता गुप्ता, ट्रेडिंग एजुकेशन फाउंडेशन का मानना है कि अगर रेत (जैसे भू‑आधार) की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो सोने की कीमत में अचानक बड़ी गिरावट का जोखिम है।

भविष्य की संभावनाएँ: अगले कदम क्या?

भविष्य की संभावनाएँ: अगले कदम क्या?

न्यूज़ पोर्टल्स ने अनुमान लगाया है कि यदि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में शादी‑सामान की खरीदारी तेज़ी से बढ़ती रहती है, तो सोना फिर से 24 कैरेट में ₹1,25,000 की सीमा तक पहुंच सकता है। लेकिन साथ ही, अगर RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) के पास रिज़र्व में सर्वेक्षण में वृद्धि नहीं हुई तो कीमतों पर दबाव कम हो सकता है।

बाजार में एक और बात ध्यानी है: ट्रेडर्स को 3 % GST और मेकिंग चार्ज़ को अलग से जोड़ना पड़ता है, जिससे अंतिम ग्राहक को कुल मिलाकर लगभग 5‑6 % अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है। इससे कुछ खरीदारों ने आधे‑औंस सोने के बजाय 1‑ग्राम बार की ओर रुझान दिखाया है, क्योंकि छोटा बार सस्ते में मिल जाता है।

मुख्य आँकड़े: एक नज़र में

  • 24 कैरेट (दिल्ली) – ₹1,20,740/10 ग्राम
  • 22 कैरेट (रिटेल) – ₹1,12,000/10 ग्राम (+₹1,150)
  • 18 कैरेट (चेन्नई उच्च) – ₹92,750/10 ग्राम
  • 1 किग्रा सिल्वर – ₹1,57,000 (+₹1,000)
  • GST + मेकिंग चार्ज – कुल 5‑6 % अतिरिक्त

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सोने की कीमत में इस उछाल का मुख्य कारण क्या है?

वित्तीय विशेषज्ञ बताते हैं कि वैश्विक मुद्रास्फीति, अमेरिकी फेड की नीति स्थगन, और भारतीय शादी‑तहवार सीजन में बढ़ती मांग ने मिलकर कीमतों को ऊपर धकेला है।

क्या दिल्ली में 24 कैरेट की कीमत सभी भारत में समान होगी?

नहीं, शहर‑दर‑शहर में टैक्स, ट्रांसपोर्ट और स्थानीय मांग के आधार पर कीमतों में अंतर रहता है। उदाहरण के लिए मुंबई में थोड़ी कम, जबकि चेन्नई में थोड़ा अधिक मिल सकता है।

सिल्वर की कीमतें भी बढ़ी हैं, इसका क्या असर होगा?

सिल्वर अक्सर सोने के साथ चलती है; दोनों में निवेशकों की भरोसे की मांग बढ़ती है। सिल्वर की कीमत में हर ₹1,000 का इजाफ़ा निवेशकों को वैकल्पिक सुरक्षित संपत्ति के रूप में आकर्षित करता है।

क्या अगले हफ़्तों में सोने की कीमतें और बढ़ेंगी?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि शादी‑समारोह और दीवाली जैसी बड़ी खरीदारी चलती रही, तो कीमतें ₹1,25,000 के निकट पहुँच सकती हैं, परन्तु अचानक नीति‑परिवर्तन या डॉलर के उलटफेर से गिरावट भी संभव है।

खरीदारों को GST व मेकिंग चार्ज़ को कैसे संभालना चाहिए?

ग्राहकों को कुल लागत में लगभग 5‑6 % अतिरिक्त जोड़ना पड़ता है। इस कारण छोटे‑बार (1 ग्राम) या डिजिटल गोल्ड फंड में निवेश करके अतिरिक्त खर्च कम किया जा सकता है।