पहले कदम: व्यापक निरीक्षण और नमूना संग्रह
संत कबीर नगर के बख़ीरा तालुका में नवपरिणी‑दुशहरा के पहले दिन से दो हफ्ते पहले ही जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) और स्थानीय पोषण विभाग ने एक विशेष टीम गठित की। टीम ने पर्यटकों, साधकों और स्थानीय लोगों के बढ़ते खाद्य उपभोग को देखते हुए चारों तरफ की दुकानों, स्ट्रीट विक्रेताओं और मध्यम स्तर के सुपरमार्केट पर थोक जांच की। आमतौर पर पूजा-पाठ में उपयोग होने वाले साबूदाने, रेवड़, चपाती, लड्डू, अंजीर, जड़ियों के तेल आदि पर विशेष ध्यान दिया गया।
जांच के दौरान 120 से अधिक वस्तुओं के नमूने लिये गये। इन नमूनों को निकटवर्ती राज्य प्रयोगशाला में भेज कर माइक्रोबायोलॉजिकल, रासायनिक और भौतिक परीक्षण कराए गये। टीम ने यह भी देखा कि क्या उत्पादों पर सही लेबलिंग, उत्पादन तिथि और समाप्ति तिथि दी गयी है या नहीं।
- भोजन में भारी धातुओं जैसे सीसा, पारा की मौजूदगी की जाँच।
- तेल में फिश ऑयल, सोया के मिलावे की पुष्टि।
- ट्रांस-फैट व कैलोरी कंटेंट का विश्लेषण।
- फूड एडिटिव्स के लेबल में अंतर व असंगतियों की पहचान।
परीक्षण के परिणाम और अगले कदम
प्रारम्भिक रिपोर्टों में बताया गया कि लगभग 8% नमूनों में सीमित दर पर मिलावट पाई गई। विशेषकर रेवड़ और लड्डू जैसे मीठे व्यंजन में अतिरिक्त चीनी और कृत्रिम रंग मिलाए गये थे। कुछ तेल की बोतलों पर उत्पादन तिथि नहीं लिखी गयी थी, जिससे उपभोक्ता को भ्रमित किया जा सकता है। इन मामलों को लेकर स्थानीय स्वच्छता अधिकारी ने ठहराव का आदेश जारी किया और संबंधित दुकानों को सुधार योजना तैयार करने की डेडलाइन भी दी।
सबसे उल्लेखनीय पहल बख़ीरा खाद्य सुरक्षा के तहत यह है कि जिले के 15 प्रमुख बाजारों में दैनिक रैंडम जांच का प्रावधान रखा गया है। इस पहल से न केवल उपभोक्ता विश्वास बढ़ेगा, बल्कि अस्थायी रूप से चलेआने वाले अपूर्ण व्यवसायियों को भी सुधार करने का मौका मिलेगा।
आगामी दिनों में, पंचायत ने जन जागरूकता कार्यक्रमों की भी योजना बनाई है। मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से उपभोक्ताओं को यह सुविधा मिलेगी कि वे सीधे शिकायत दर्ज कर सकें या माल की जांच करवाने की मांग कर सकें। स्थानीय स्कूलों और महाविद्यालयों में भी स्वास्थ्य शिक्षकों को बुलाकर भोजन संबंधी सुरक्षा पर व्याख्यान दिया जाएगा।
परोपकारियों ने यह भी कहा कि अगर उपवास के नियमों के अनुसार सावधानी नहीं बरती गयी तो कई स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे अतिसार, गैस, या यहां तक कि गंभीर खाद्य विषाक्तता। इसलिए सभी दुकानों से अनुरोध किया गया है कि वे शुद्ध, साफ‑सुथरा और सही लेबल वाला उत्पाद ही बेचे। इस तरह के प्रक्रम से बख़ीरा में नवपरिणी‑दुशहरा की तियारी सुरक्षित और स्वस्थ बनी रहेगी।
Sai Sujith Poosarla
सितंबर 23, 2025 AT 21:03Sri Vrushank
सितंबर 24, 2025 AT 12:41Praveen S
सितंबर 24, 2025 AT 19:59mohit malhotra
सितंबर 25, 2025 AT 03:03Gaurav Mishra
सितंबर 26, 2025 AT 15:59Aayush Bhardwaj
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