जब बात निफ्टी, भारत का प्रमुख स्टॉक मार्केट इंडेक्स है जो NSE पर 50 बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन को दिखाता है की होती है, तो इसे अक्सर NIFTY 50 कहा जाता है। यह भारतीय शेयर बाजार, देश के सार्वजनिक कंपनियों के ट्रेडिंग का समग्र मंच का एक मुख्य बेंचमार्क है और NSE, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, जहाँ निफ्टी की कीमतें वास्तविक‑समय में अपडेट होती हैं से सीधे जुड़ा रहता है। इसीलिए निफ्टी के हर पॉइंट की गति निवेशकों को बाजार की दिशा का संकेत देती है।
निफ्टी का मूवमेंट सिर्फ घरेलू खरीद‑फरोख्त से नहीं, बल्कि विदेशी आर्थिक कारकों से भी प्रभावित होता है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की टैरिफ नीति ने कई इंडियन स्टॉक्स को हिला दिया, जिससे निफ्टी के इंडेक्स में तेज़ गिरावट आई। इसी तरह, तेल की कीमत, कच्चे माल की आपूर्ति और सरकारी वित्तीय कदम जैसे मात्रा‑लंबी बैंकिंग रेगुलेशन सीधे निफ्टी को आगे‑पीछे धकेलते हैं। जब टैरिफ बढ़ती है, तो आयात‑निर्भर कंपनियों के शेयर नीचे गिरते हैं, जिससे निफ्टी की कुल कीमत घटती है; जबकि घरेलू उत्पादन‑भारी सेक्टर जैसे ऑटो, एसी‑कूलिंग के स्टॉक्स उस समय ऊपर जाते हैं।
सेक्टर रोटेशन भी निफ्टी के साथ जुड़ा रहता है। आजकल निवेशक टाटा मोटर्स, महिंद्रा, एटरनल, और नुवोको जैसी कंपनियों के प्रदर्शन को निकटता से देखते हैं, क्योंकि इनकी शेयर कीमतें बड़ी इंडेक्स मूवमेंट में बड़ा योगदान देती हैं। जब इन स्टॉक्स में तेज़ी आती है, तो निफ्टी 24,000 के नीचे भी नहीं जाता, जबकि किसी भी नकारात्मक खबर से 24,700 को भी छू सकता है। सेंसेक्स, जो भारतीय शेयर बाजार के दूसरे बड़े इंडेक्स है, निफ्टी के साथ अक्सर समान रुझान दिखाता है, पर कभी‑कभी अलग दिशा में भी जा सकता है, जिससे द्वैत विश्लेषण की ज़रूरत बढ़ती है।
ट्रेडर और दीर्घकालिक निवेशक दोनों निफ्टी को अपनी रणनीति में शामिल करते हैं। दैनिक ट्रेडर छोटे‑छोटे बदलावों से लाभ उठाने की कोशिश करते हैं, जबकि पोर्टफोलियो मैनेजर निफ्टी के स्थिर रुझान को देख कर एसेट एलोकेशन तय करते हैं। इस कारण निफ्टी का ऐतिहासिक डेटा, वॉल्यूम और ओपन‑हाई‑लो‑क्लोज़ चार्ट समझना हर निवेशक के लिए जरूरी हो गया है। निफ्टी के साथ जुड़े आर्थिक संकेतकों—जैसे GDP ग्रोथ, यूनियन बजट, RBI की नीतियों—को समझ कर आप बाजार के अगले कदम को थोड़ा बेहतर अनुमान लगा सकते हैं।
अब आप नीचे निफ्टी से जुड़ी ताज़ा खबरें, विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय देखेंगे, जो आपके निवेश निर्णयों को और स्पष्ट बना सकती हैं।
13 अक्टूबर 2025 को निफ्टी 25,300 के नीचे गिरने के जोखिम से बचने के लिए FIIs की भारी बिकवाली और वैश्विक टैरिफ तनाव को समझें; DIIs का समर्थन बाजार को स्थिर रख रहा है।