जब हम मातृत्व, एक ऐसा चरण जिसमें महिला शरीर, मन और सामाजिक भूमिका में गहरा परिवर्तन आता है. इसे अक्सर माँ बनना कहा जाता है, क्योंकि इस प्रक्रिया में नया जीवन तैयार करने से लेकर परिवार में अभिन्न भूमिका निभाने तक कई जिम्मेदारियां शामिल होती हैं। मातृत्व सिर्फ जैविक घटना नहीं, बल्कि भावनात्मक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहलू भी लाता है, जिससे हर माँ का सफर अलग होता है।
सबसे पहले गर्भावस्था, वह समय जब अंडे में ज़ीरो से लेकर नौ महीनों तक विकास होता है आती है। यह मातृत्व का पहला चरण है और इसकी देखभाल सीधे बाद के स्वास्थ्य पर असर डालती है। ठीक‑ठाक पोषण, नियमित जांच और तनाव‑मुक्त वातावरण गर्भावस्था को सुरक्षित बनाते हैं। दूसरे चरण में प्रसव, जन्म देने की प्रक्रिया, जिसमें माँ के शरीर और बच्चे दोनों को सबसे बड़ा बदलाव झेलना पड़ता है शामिल है। यहाँ अस्पताल की सुविधाएँ, डॉक्टर की मदद और परिवार का समर्थन बहुत मायने रखता है। तीसरा महत्वपूर्ण तत्व स्तनपान, नवजात को माँ के दूध से खवाने की प्राकृतिक विधि है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि सही समय पर शुरू किए गए स्तनपान से शिशु का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और माँ को भी पहले हार्मोनल लाभ मिलते हैं। फिर आता बाल पोषण, शिशु के विकास के लिए उचित आहार और पूरक तत्वों की व्यवस्था. यहाँ ब्रेस्टफ़ीडिंग, सही हम्मस, दालें और विटामिन सप्लीमेंट का संतुलन जरूरी है। इन सभी तत्वों का आपसी संबंध स्पष्ट है: मातृत्व सम्बन्धित है गर्भावस्था से, गर्भावस्था आवश्यक करती है उचित पोषण, पोषण प्रभावित करता है स्टनपान की गुणवत्ता, और स्तनपान सहायता करता है बाल पोषण को। यही कारण है कि स्वास्थ्य सेवाओं में इन चारों को एक साथ देखना बेहतर परिणाम देता है। इन बुनियादी सिद्धांतों के साथ, भारत में हालिया कई रिपोर्टें दिखाती हैं कि उचित मातृत्व देखभाल से माँ और बच्चे के बीच मृत्यु दर में गिरावट आई है। सरकार की योजनाएं जैसे वैटेरियन हेल्थ मिशन और सार्वजनिक मातृभरण पोषक कार्यक्रम, यह दिखाते हैं कि जब गर्भावस्था से लेकर शिशु के दो साल तक की देखभाल एकीकृत होती है, तो सामुदायिक स्वास्थ्य में सुधार स्पष्ट हो जाता है। अंत में, मातृत्व सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि एक सतत प्रक्रिया है जिसमें हर कदम पर सही जानकारी और समर्थन आवश्यक है। चाहे आप अब गर्भवती हों, प्रसव के तुरंत बाद हों या छोटे बच्चे की देखभाल कर रहे हों, इन प्रमुख तत्वों को समझना और लागू करना आपके और आपके बच्चे के भविष्य को सुरक्षित बनाता है।
आरजे अनमोल ने सोशल मीडिया पर अपनी पत्नी अमृता राव की स्तनपान की फोटो शेयर की, इसे रोज़ देखना अपना सबसे खूबसूरत दृश्य बताया। पोस्ट ने भारत में स्तनपान को सामान्य बनाने की लहर छेड़ दी, कई माता‑पिता की सराहना बटोरी और मातृत्व की चुनौतियों को उजागर किया।