जब दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है तो उसे कार्डियक अरेस्ट कहते हैं। यह कोई मामूली बीमारी नहीं, बल्कि तुरंत कार्रवाई की मांग करने वाली आपात स्थिति है। अगर सही समय पर मदद न मिली तो कई मिनट में ही मौत हो सकती है। इसलिए इसे पहचानना और जल्दी प्रतिक्रिया देना बहुत जरूरी है।
कार्डियक अरेस्ट के मुख्य लक्षण अक्सर अचानक आते हैं: चक्कर आना, सांस नहीं लेना, चेहरे का रंग पीला या नीला पड़ जाना, हाथ‑पैर झनझनाना। अगर कोई व्यक्ति बात नहीं कर पा रहा हो और उसकी आँखें खुली हों लेकिन प्रतिक्रिया न दे रही हों तो यह सीधा संकेत है। कभी‑कभी लोग इसे केवल बेहोशी समझ लेते हैं, पर असली खतरा दिल का पूरी तरह बंद होना होता है।
ध्यान रखें – अगर व्यक्ति को धड़कन नहीं सुनाई देती या उसकी गर्दन की धड़कन भी नहीं मिल रही हो, तो यह कार्डियक अरेस्ट का स्पष्ट संकेत है और तुरंत मदद करनी चाहिए।
सबसे पहला कदम है 108 (या स्थानीय आपातकालीन नंबर) को कॉल करना। फोन लगाते ही अपने स्थान, रोगी की स्थिति और उम्र बताएं ताकि एम्बुलेंस जल्दी पहुँच सके। फिर खुद या पास के किसी को तुरंत कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) शुरू करने का निर्देश दें।
सीपीआर कैसे करें? सबसे पहले मरीज को सपाट सतह पर लेटें, दोनों हाथों की हथेलियों को एक‑दूसरे के ऊपर रखकर छाती के बीच वाले हिस्से में तेज़ी से दबाव डालें – लगभग 100 - 120 बार प्रति मिनट। हर 30 धक्कों के बाद दो बार श्वास दें (यदि आप कर सकते हों)। इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएँ जब तक एम्बुलेंस नहीं पहुँचती या मरीज की सांस फिर से शुरू न हो जाए।
अगर आपका कोई दोस्त या परिवार वाला पहले ही सीपीआर जानता है, तो उनका साथ दें और उन्हें मोटिवेट करें – हर सेकेंड मायने रखता है।
आमतौर पर यह तब होता है जब दिल में रक्त की सप्लाई अचानक बाधित हो जाती है, जैसे कि हार्ट अटैक या गंभीर इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन। धूम्रपान, अधिक शराब, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ भी जोखिम बढ़ाते हैं। नियमित जांच करवाना, स्वस्थ आहार लेना, व्यायाम करना और तनाव कम रखना इस खतरे को काफी घटा सकता है।
सिर्फ तभी नहीं – अगर कोई व्यक्ति पहले से हृदय रोग या एट्रियल फाइब्रिलेशन का शिकार है तो उसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए और इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर‑डिफिब्रिलेटर (ICD) जैसी सुरक्षा व्यवस्था पर विचार करना चाहिए।
एक छोटी सी बात, अगर घर में एडीसी या स्वचालित बाहरी डिफ़िब्रिलेटर (AED) उपलब्ध हो तो उसे कैसे इस्तेमाल करना है, यह सीखना भी जीवन बचा सकता है। कई सार्वजनिक स्थानों पर AED रखे जाते हैं; बस निर्देश पढ़ें और तुरंत लागू करें।
समाप्ति में, कार्डियक अरेस्ट को गंभीरता से लेना चाहिए। लक्षणों की पहचान, तुरंत 108 कॉल करना, सीपीआर शुरू करना और रोज़मर्रा की जीवनशैली में बदलाव करके आप या आपके आसपास के लोगों की जान बचा सकते हैं। याद रखें – हर सेकेंड महत्वपूर्ण है, इसलिए देर न करें।
कोच्चि के एक लाइव इवेंट के दौरान मलयालम अभिनेता व टीवी होस्ट राजेश केशव को कार्डियक अरेस्ट हुआ। 15-20 मिनट में उन्हें लेकशोर हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जहां इमरजेंसी एंजियोप्लास्टी हुई। वे वेंटिलेटर पर हैं और आईसीयू में एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट पर रखा गया है। डॉक्टरों के मुताबिक अगला 72 घंटा अहम है, न्यूरोलॉजिकल रिकवरी पर नजर है।