दुर्गा पूजा 2025: तिथियों और पूजा की मुख्य बातें

दुर्गा पूजा हर साल शरद ऋतु में आती है और लोगों के दिल में उत्साह भर देती है। 2025 में इस पावन त्यौहार का मुख्य सत्र सोमवार, 18 अक्टूबर से शुरू होकर शनिवार, 30 अक्टूबर तक चलता है। इन तिथियों को ध्यान में रखकर आप अपनी तैयारियों को सही समय पर शेड्यूल कर सकते हैं।

दुर्गा पूजा का समय कैसे निकालें?

पारम्परिक गणना के अनुसार, अष्टमी (दुर्गा अष्टमी) को शरद नकшат्‍र के अंत में माना जाता है। 2025 में अष्टमी का दिन मंगलवार, 22 अक्टूबर को है, इसलिए यह वही दिन है जब सबसे प्रमुख पूजा होती है। यदि आप ऑनलाइन पंचांग या स्थानीय पंडित से पुष्टि कर लें तो कोई गलती नहीं होगी।

घर में दुर्गा पूजा कैसे करें?

सबसे पहले साफ‑सुथरी जगह चुनें और वहाँ एक छोटी सी मंच (पंडाल) बनायें। माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र को इस मंच पर रखें, फिर शुद्ध जल, शीशा, फूल, धूप और नैवेद्य रखें। नैवेद्य में काजू, किशमिश, चावल, शक्कर आदि मिलाकर ‘भोग’ तैयार करें। हर दिन आरती के साथ प्रसाद वितरित करें और शाम को ‘संध्या अर्चना’ अवश्य करें।

पूजा के दौरान माँ को पाँच वस्तुएँ (पंचामूर्ति) भी चढ़ा सकते हैं – धूप, दीप, जल, फूल और मिठाई। यह क्रमशः अन्न, जल, आम, आकाश और पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है, जिससे माँ के सभी स्वरुपों को सम्मान मिलता है।

अगर आप बाहरी पंडाल में पूजा कर रहे हैं, तो पंडाल सजावट पर ध्यान दें: रंग‑बिरंगी लड़ी, पंक्ति‑बद्ध दीपक और पारम्परिक ‘चन्दन’ के चक्र। सब्ज़ियों और फल‑फूलों का प्रयोग करके पंडाल को आकर्षक बनाएं, जिससे लोग ज्यादा आकर्षित हों।

भोजन का चयन भी महत्त्वपूर्ण है। ‘खिचड़ी’, ‘परोटा’, ‘मोतीचूर लड्डू’ और ‘संदेश’ जैसे व्यंजन दुर्गा पूजा में हिट होते हैं। इन्हें बनाते समय ताज़ा सामग्री इस्तेमाल करें और शुद्धता को बनाए रखें। बच्चों को भी हल्का-फुल्का भोजन देकर भागीदारी बढ़ा सकते हैं।

पूजा के बाद दान देना भी परम्परा में शामिल है। आप स्वच्छता, शिक्षा या गरीब परिवारों की मदद के लिये जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री या कपड़े दे सकते हैं। ऐसा करके माँ दुर्गा की कृपा और अधिक बढ़ती है।

ध्यान रखें, दुर्गा पूजा का असली मकसद माँ की शक्ति, साहस और प्रेम को अपने जीवन में लाना है। इसलिए पूजा के दौरान शुध्द मन से माँ से प्रार्थना करें, अपने जीवन में शांति और खुशहाली की कामना करें। इस सरल गाइड को फॉलो करके आप 2025 की दुर्गा पूजा को बेहतरीन बना सकते हैं।

चिलबिला हनुमान मंदिर में दुर्गा पूजा पंडाल: वैष्णो देवी की नक्कली और सेना का प्रदर्शन

प्रयागराज‑अयोध्या हाईवे पर स्थित चिलबिला हनुमान मंदिर में 40 मजदूरों की दो‑महीने की मेहनत से एक विशाल पंडाल बन रहा है। इस पंडाल में वैष्णो देवी धाम व लक्स्मण झूला की नक्कलें और भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंधूर की थ्योरी को दर्शाने वाला सैन्य प्रदर्शन दिखेगा। राफेल, सुकॉइ और एस‑400 जैसी उन्नत हथियारों की प्रतिकृतियां भी देखी जा सकेंगी। धार्मिक और राष्ट्रीय भावना के इस अनूठे मिश्रण से हजारों श्रद्धालु आकर्षित होने की उम्मीद है।

आगे पढ़ें