पानी का मजा सबको पसंद है, लेकिन एक छोटी सी चूक बड़ी परेशानी बना सकती है। अगर आप या आपका परिवार कभी जल में फँस जाए तो क्या करेंगे? चलिए, कुछ आसान और असरदार कदमों पर बात करते हैं जो डूबन से बचाव को आसान बनाते हैं।
सबसे पहले, तैराकी सीखना सबसे बुनियादी सुरक्षा है। अगर आप खुद नहीं जानते तो भरोसेमंद इंस्ट्रक्टर से क्लास ले सकते हैं। दूसरी बात, हमेशा लाइफ़ जैकेट पहनें—खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह ज़रूरी है। छोटे बच्चे को कभी भी अकेला पानी में न छोड़ें, चाहे वो तालाब हो या पूल।
पानी पर जाने से पहले मौसम की जानकारी ले लें। तेज़ हवाएं या बारिश वाले दिन तैराकी से बचना बेहतर रहता है। यदि आप किसी नदी या समुद्र के पास हैं तो जल प्रवाह को देख कर ही कदम रखें; तेज़ धारा में कूदने से बचें।
एक और सरल उपाय है कि हमेशा अपने साथ फ़्लोटिंग डिवाइस रखेँ—जैसे इन्फ्लेटेबल बॉल या लाइफ़ रिंग। यह आपातकाल में तुरंत सतह पर पहुंचने का रास्ता देता है। अगर आपके पास ये नहीं हैं तो कम से कम एक मजबूत लकड़ी का टुकड़ा या कोई भी फेंका जा सकने वाला वस्तु रखें जिससे आप खुद को सपोर्ट कर सकें।
अगर किसी को डुबकी लग गई है, तो सबसे पहले पैनिक न करें। तुरंत शोर से मदद बुलाएँ—तीखे आवाज़ों से आसपास के लोग सचेत हो जाते हैं। अगर आप तैराकी जानते हैं और सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, तो धीरे‑धीरे उस व्यक्ति की ओर जाएँ, लेकिन खुद को डूबने न दें।
व्यक्ति के सिर को पानी से बाहर निकालें और उसके कंधे पर पकड़ बनाकर उसे सपोर्ट करें। अगर वह सांस नहीं ले रहा है तो तुरंत सीपीआर (कार्डियो‑पल्मोनरी रेससिटेशन) शुरू करें—छाती पर दो-तीन सेंटीमीटर दबाव डालें, 30 बार दबाएँ और फिर दो बार बची हुई श्वास दें। यह प्रक्रिया तब तक जारी रखें जब तक मदद न पहुँच जाए या व्यक्ति सांस लेना शुरू न कर दे।
यदि आपके पास कोई लाइफ़ बॉय या प्रशिक्षित प्रोफेशनल नहीं है, तो भी आप जल में फेंकी गई वस्तु से बचाव का प्रयास कर सकते हैं—जैसे ट्यूब, पीलिंग बॉटल आदि। याद रखें, अपने हाथों को हमेशा पानी की सतह पर रखकर काम करना चाहिए ताकि खुद डूबने से बचा जा सके।
पुलिस या स्थानीय जल सुरक्षा विभाग को तुरंत कॉल करें और घटना के बारे में पूरी जानकारी दें। उनकी मदद से आगे की कार्रवाई तेज़ होती है और दुर्घटना के कारणों का पता चलता है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएँ कम हो सकती हैं।
अंत में यह याद रखें कि पानी के साथ खेलते समय सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। छोटे-छोटे नियमों को अपनाकर आप न सिर्फ खुद की बल्कि अपने प्रियजनों की भी रक्षा कर सकते हैं। तो अगली बार जब पानी का बुलावा आए, इन टिप्स को ज़रूर याद रखें और सुरक्षित रहिए।
महाराष्ट्र के लोनावला में भूषी डैम के पास भारी बारिश के कारण डैम ओवरफ्लो हो जाने से एक महिला और चार बच्चों की डूबकर मौत हो गई। यह दुर्घटना रविवार को दोपहर 1:30 बजे हुई, जब पानी का बहाव तेज हो गया था। घटना में पीड़ित पुणे के सैयद नगर के निवासी थे।