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पिछले हफ़्ते दिल्ली विधानसभा में एक बड़ा बहस छिड़ गई थी जब कई विपक्षी सांसदों ने मौजूदा स्वास्थ्य नीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अस्पताल की सुविधाओं में सुधार अभी भी बहुत जरूरी है और सरकारी बजट को इस दिशा में बढ़ाया जाना चाहिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत जवाब देते हुए बताया कि अगले साल के लिए 200 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि आरक्षित कर दी जाएगी। यह घोषणा कई लोगों के लिये राहत लेकर आई, खासकर उन मरीजों के लिये जो महंगे इलाज से परेशान थे।
एक और चर्चा का मुद्दा था दिल्ली में नई सड़कों की योजना। हाल ही में नगर निगम ने एक विस्तृत प्रोजेक्ट पेश किया जिसमें 30 किलोमीटर नई सड़कें बनानी हैं। विपक्षी दल इस बात को लेकर आलोचना कर रहा है कि यह योजना पर्यावरणीय नुकसान बढ़ाएगी, जबकि सरकार कहती है कि इससे ट्रैफ़िक जाम कम होगा और रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे। जनता भी इस पर दो हिस्सों में बँटी हुई दिख रही है – कुछ लोग इसे विकास की दिशा मानते हैं तो कुछ को इसका असर स्थानीय व्यवसायों पर पड़ने का डर है।
दिल्ली के कई विधायक अब सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं। उनका कहना है कि जनहित में काम करने के लिये सीधे जनता से जुड़ना ज़रूरी है। एक लोकप्रिय विधायक ने हाल ही में कहा, "मैं हर महीने दो बार अपने वार्ड में खुला मंच रखूँगा जहाँ लोग अपनी समस्याएँ बता सकें और मैं तुरंत समाधान पर काम करूँगा।" इस कदम को कई नागरिकों ने सराहा क्योंकि इससे सरकार की पारदर्शिता बढ़ती है।
वहीं, कुछ वरिष्ठ विधायक अभी भी पुरानी राजनैतिक रणनीतियों में फंसे दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के विकास में राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग आवश्यक है और स्थानीय मुद्दे को कभी भी हल्का नहीं समझना चाहिए। उनका यह बयान इस बात की याद दिलाता है कि राजधानी शहर में हर निर्णय का असर पूरे देश पर पड़ता है, इसलिए सोच-समझ कर कदम उठाना ज़रूरी है।
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समाप्ति में यही कहेंगे – राजनीति सिर्फ बड़े लोगों का खेल नहीं है, यह हर नागरिक की आवाज़ है। इसलिए दिल्ली विधानसभा से जुड़ी खबरें पढ़ना और उन पर चर्चा करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। आगे भी ऐसे ही ताज़ा अपडेट के लिये जुड़े रहें।
दिल्ली विधानसभा के ओखला क्षेत्र में अमानतुल्ला खान ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की। उन्होंने बीजेपी के मनीष चौधरी और एआईएमआईएम के शिफा उर रहमान खान जैसे प्रतिद्वंद्वियों को हराया। बीच में बढ़त के बावजूद, खान ने अंतिम जीत 9,518 वोटों के अंतर से हासिल की। सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे, और मतदान दर 54.96% रही।