अगर आप उत्तरप्रदेश में किसी ऐसे जगह की तलाश में हैं जहाँ शांति और भक्ति साथ‑साथ मिलें, तो चिलबिला हनुमान मंदिर सबसे बेहतर विकल्प है। यह मंदिर चिलबिला गाँव के किनारे स्थित है और सैकड़ों सालों से लोगों की आस्था का केंद्र रहा है। यहाँ आने वाले यात्रा करने वाले अक्सर कहते हैं‑ "भक्ति का सच्चा एहसास"।
चिलबिला हनुमान मंदिर की कहानी रामायण से जुड़ी है। कहा जाता है कि जब रावण ने सीता को बंदी बनाया, तब हनुमान जी ने उसे बचाने के लिए इस जगह से गुजर कर सीता‑मंदिर तक पहुँचा। इस रास्ते में उन्होंने यहाँ एक छोटा अवतार स्थापित किया, जो बाद में मंदिर बना। छोटे‑छोटे आँकड़ों और पुराने दस्तावेजों में इस बात का उल्लेख मिलता है।
समय के साथ स्थानीय लोग इस स्थान को रख‑रखाव करने लगे और आज यहाँ के प्रासाद में सुरुचिपूर्ण शिल्पकला और सुंदर मूर्तियाँ देखी जा सकती हैं। हर साल यहाँ पर बड़े‑बड़े मेले लगते हैं, जहाँ श्रद्धालु दुनिया भर से आते हैं।
मंदिर का खुलने का समय सुबह ५ बजे से शाम ८ बजे तक है। विशेष पूजा के लिए मंगलवार और शनिवार को यहाँ की व्यवस्था अधिक होती है, इसलिए इन दिनों आप जल्दी पहुँचें। यदि आप कार से आ रहे हैं, तो मुख्य राजमार्ग से ५ किलो मीटर आगे एक संकेतपत्र मिलेगा जो सीधे मंदिर तक ले जाता है। सार्वजनिक परिवहन से आने वाले यात्रियों के लिए बस स्टॉप से बस में १० मिनट चलना पड़ता है।
भोजन की बात करें तो मंदिर के पास छोटे‑छोटे स्टॉल हैं जहाँ आप फालूदे, चाय और हल्का नाश्ता ले सकते हैं। स्नैक्स के अलावा, यदि आप स्थानीय व्यंजन आज़माना चाहते हैं तो पास के गाँव में पराठा और दाल‑भात बहुत लोकप्रिय हैं।
पहलू‑समय पर मंदिर में प्रवेश करने के लिए कपड़े साफ‑सुथरे रखना बेहतर रहता है। महिलाओं को सर पर स्कार्फ़ या पगड़ी पहनना उचित माना जाता है, जबकि पुरुषों को हल्के रंग के कपड़े पहनना पसंद किया जाता है।
पूरी यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें: पानी की बोतल साथ रखें, छोटे‑छोटे नकदी की व्यवस्था रखें और मोबाइल फ़ोन को साइलेंश मोड पर रखें। पूजा के दौरान कैमरा लगाना अनुमति नहीं है, इसलिए यादगार फ़ोटो को बाहर से ले लें।
अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं, तो मंदिर के पास स्थित प्राचीन पत्थर की रटू पर भी एक नज़र डालें। वहाँ पर कई शिलालेख लिखे हैं जो प्राचीन काल के सामाजिक जीवन को दर्शाते हैं। ये शिलालेख पढ़ने से आपको इस जगह की सांस्कृतिक गहराई का अहसास होगा।
अंत में, यदि आप किसी महा‑यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो चिलबिला हनुमान मंदिर को अपने यात्रा‑सूची में जरूर जोड़ें। यहाँ की शांति, आध्यात्मिक माहौल और स्थानीय लोगों की मैत्रीभरी स्वभाव आपको एक अद्भुत अनुभव देगा। आप यहाँ एक दिन या दो‑तीन घंटे का समय बिताएँ, निश्चित ही आप वापस आकर इसे याद करेंगे।
प्रयागराज‑अयोध्या हाईवे पर स्थित चिलबिला हनुमान मंदिर में 40 मजदूरों की दो‑महीने की मेहनत से एक विशाल पंडाल बन रहा है। इस पंडाल में वैष्णो देवी धाम व लक्स्मण झूला की नक्कलें और भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंधूर की थ्योरी को दर्शाने वाला सैन्य प्रदर्शन दिखेगा। राफेल, सुकॉइ और एस‑400 जैसी उन्नत हथियारों की प्रतिकृतियां भी देखी जा सकेंगी। धार्मिक और राष्ट्रीय भावना के इस अनूठे मिश्रण से हजारों श्रद्धालु आकर्षित होने की उम्मीद है।