अगर आप भारतीय उद्योग की बड़ी कंपनियों को फॉलो करते हैं तो अदानी नाम सुनते ही दिमाग में कई चीज़ें आती होंगी – पोर्ट, एनेर्जी, लॉजिस्टिक या फिर शेयर मार्केट की हलचल। इस पेज पर हम आपको अदानी समूह के बारे में सबसे हालिया खबरें, निवेश संबंधी टिप्स और विवादों का आसान‑से‑समझाने वाला सारांश देंगे।
अदानी ग्रुप ऊर्जा, पोर्ट, लॉजिस्टिक, एग्रीकल्चर और डेटा सेंटर जैसे कई सेक्टर में काम करता है। सबसे बड़ा हिस्सा कोयला‑आधारित पावर प्लांट्स से आता है, लेकिन हाल ही में सौर व पवन ऊर्जा में भारी निवेश हो रहा है। कंपनी के पास भारत के बड़े‑बड़े पोर्ट जैसे मुंबई और जवाहरलाल नेहरू टर्मिनल हैं, जो निर्यात‑आयात को आसान बनाते हैं।
एग्रीकल्चर सेक्टर में अदानी एग्रो फूड्स बीज, फसल संरक्षण और प्रोसेसिंग पर काम करता है। डेटा सेंटर बिजनेस अभी शुरुआती चरण में है लेकिन क्लाउड सर्विसेज की बढ़ती मांग को देखते हुए यह भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
पिछले कुछ महीनों में अदानी के शेयरों पर काफी वॉल्यूम आया था। हेज फंड द्वारा शॉर्ट‑सेलिंग की खबर ने मार्केट को झटका दिया, लेकिन बाद में कंपनी ने अपने बिज़नेस मॉडल और बैलेंस शीट का बचाव किया। परिणामस्वरूप शेयरों में उतार-चढ़ाव जारी रहा।
अगर आप निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो दो चीज़ें ध्यान रखें – कंपनी की दीर्घकालिक प्रोजेक्ट पाइपलाइन और नियामक जोखिम। पोर्ट एवं लॉजिस्टिक सेक्टर अक्सर सरकारी नीतियों से प्रभावित होते हैं, जबकि ऊर्जा सेक्टर को पर्यावरणीय मंजूरी का सामना करना पड़ता है।
वर्तमान में अदानी ने कई नई रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स की घोषणा की है – खासकर सोलर फार्म और हाइड्रोजन प्लांट। इनकी पूंजी खर्च अधिक है, लेकिन दीर्घकालिक लाभ के हिसाब से ये सकारात्मक संकेत हो सकते हैं।
कंपनी का कर्ज स्तर भी एक महत्वपूर्ण फ़ैक्टर है। पिछले साल तक अदानी ने अपने कर्ज को कम करने की योजना पर काम किया था, फिर भी कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स के कारण फिर से बढ़ा है। अगर आप शेयर खरीदने वाले हैं तो बैलेंस शीट देखें और कर्ज‑से‑इक्विटी रेशियो समझें।
नियामक संस्थाओं की जांच ने हाल ही में अदानी ग्रुप पर कुछ सवाल उठाए थे, जैसे पर्यावरणीय मंजूरी प्रक्रिया और विदेशी निवेश के नियमों का पालन। इन मामलों को सॉल्व करने में समय लग सकता है, इसलिए छोटे‑मध्यम अवधि के ट्रेडर्स को सावधानी बरतनी चाहिए।
एक बात ध्यान देने योग्य है – अदानी की कई कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काम शुरू किया है। ऑस्ट्रेलिया और यूके में पवन फार्म और डेटा सेंटर प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, जो कंपनी को ग्लोबल लीडर बनने की दिशा में ले जा सकते हैं।
समग्र रूप से देखें तो अदानी समूह के पास मजबूत बुनियादी ढाँचा है, लेकिन कुछ जोखिम भी मौजूद हैं। अगर आप दीर्घकालिक निवेश चाहते हैं तो रिन्यूएबल सेक्टर पर फोकस रखें, जबकि शॉर्ट‑टर्म ट्रेडिंग में बाजार की अस्थिरता को देखते हुए स्टॉप‑लॉस सेट करें।
आख़िरी बात – अदानी के बारे में सबसे भरोसेमंद जानकारी कंपनी के आधिकारिक रिपोर्ट्स और SEBI फ़ाइलिंग से मिलती है। अफवाहों पर नहीं, बल्कि वास्तविक डेटा पर आधारित निर्णय लेना बेहतर रहेगा।
राहुल गांधी ने संसद के बाहर हुए विवाद को बीजेपी द्वारा अदानी समूह के खिलाफ अमेरिका में चल रहे मुकदमे पर चर्चा से बचने की कोशिश बताया। गांधी ने आरोप लगाया कि बीजेपी राहुल गांधी और पार्टी को विचलित करने की कोशिश कर रही है ताकि नरेंद्र मोदी के मित्र गौतम अदानी के खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों से ध्यान हट सके। विवाद के दौरान बीजेपी और कांग्रेस सदस्यों के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिससे दोनों पक्षों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।