संसद में हंगामा और अदानी प्रकरण
भारतीय संसद में हुए हंगामे को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है। उन्होंने इस विवाद को गौतम अदानी के खिलाफ अमेरिका में चल रही कानूनी कार्रवाई से ध्यान हटाने का प्रयास बताया। बता दें कि अदानी समूह पर अमेरिका में कुछ गंभीर वित्तीय आरोप लगे हैं, जिनके चलते पूरे भारत में हंगामा मचा हुआ है। ऐसे में राहुल गांधी और उनकी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी इन आरोपों से जनता का ध्यान हटाने के लिए जानबूझकर विवाद खड़ा कर रही है।
बीजेपी और कांग्रेस के बीच टकराव
संसद परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के बीच जबरदस्त धक्का-मुक्की की घटनाएं हुईं। बीजेपी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने उनके सांसद प्रताप सारंगी को धक्का दिया जिससे वे घायल हो गए। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी के सांसदों ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को धक्का देकर उनके रास्ते में बाधा डाली। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों ने पुलिस में शिकायतें दर्ज कराई हैं।
मुकदमे से जुड़े राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में इस विवाद को बीजेपी द्वारा अदानी मुद्दे से ध्यान भटकाने की सोची-समझी साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि जब उनकी पार्टी संसद में अदानी प्रकरण पर चर्चा करना चाहती थी, तब बीजेपी सांसदों ने जानबूझकर रास्ते में अवरोध पैदा किया। राहुल गांधी ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह घटना केवल अदानी मुद्दे पर हो रही चर्चा से जनता का ध्यान हटाने की एक और चाल थी।
बीजेपी पर राहुल का कड़ा वार
राहुल गांधी ने बीजेपी के नेताओं पर तंज कसते हुए उन्हें 'अंबेडकर विरोधी' तक कह डाला। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के राज्यसभा में दिए गए उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर विपक्ष अंबेडकर के नाम की जगह भगवान का नाम लेता, तो उन्हें सात जन्मों के लिए स्वर्ग मिल जाता। राहुल गांधी ने इसे बीजेपी की मानसिकता का उदाहरण बताते हुए कहा कि यह साफ दर्शाता है कि वे सिर्फ अपने फायदे के लिए किसी भी महान व्यक्तित्व के नाम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
विपक्ष का 14 दिनों का विरोध
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल पिछले 14 दिनों से संसद में अदानी मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका मुख्य मकसद इस मामले पर खुली चर्चा करना है ताकि देश की जनता को भी इन घटनाओं की सच्चाई पता चल सके। राहुल गांधी ने ऐलान किया कि उनके दल का संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक इस विषय पर चर्चा नहीं की जाती।
विपक्ष कई अन्य मुद्दों पर भी सरकार को घेरता आया है, पर इस बार अदानी समूह के खिलाफ और संसद से जुड़े इस विवाद से राजनीति के मैदान में नया मोड़ आया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये मुद्दे आने वाले दिनों में कैसे उभरते हैं और देश की राजनीति में क्या बदलाव लाते हैं।
Sunayana Pattnaik
दिसंबर 21, 2024 AT 13:10ये सब बस ध्यान भटकाने का खेल है। अदानी के घोटाले को छुपाने के लिए संसद में धक्का-मुक्की तक कर दी जा रही है। क्या ये लोग समझते हैं कि जनता नहीं बूढ़ी है? ये सब नाटक है, बस नाटक।
akarsh chauhan
दिसंबर 22, 2024 AT 06:40अगर विपक्ष अदानी मुद्दे पर चर्चा करना चाहता है, तो उसे अवसर देना चाहिए। डर के मारे बात नहीं बंद कर देनी चाहिए। लोकतंत्र तो बातचीत से चलता है, न कि धक्का-मुक्की से।
soumendu roy
दिसंबर 22, 2024 AT 12:52राहुल गांधी के बयानों में एक अजीब तरह की निरंतरता है-एक असली नेता तो विचारों के साथ चलता है, न कि व्यक्तिगत आक्रमणों के साथ। अंबेडकर का नाम लेकर भी जब निशाना बनाया जा रहा है, तो ये सिर्फ एक निराशाजनक राजनीति है।
Kiran Ali
दिसंबर 23, 2024 AT 21:36बीजेपी को अदानी के लिए बचाने के लिए इतना झूठ बोलना पड़ रहा है कि लगता है वो खुद ही इस पर विश्वास नहीं कर रहे। ये सब बस एक बड़ा धोखा है, और ये लोग अपने आप को बहुत बुद्धिमान समझते हैं।
Kanisha Washington
दिसंबर 24, 2024 AT 13:59राजनीति में, जब एक पक्ष दूसरे के बयान को ध्यान भटकाने का नाम देता है, तो वह अपनी खुद की कमजोरी को छुपाने की कोशिश कर रहा होता है। यह एक सामान्य मनोवैज्ञानिक रणनीति है।
Rajat jain
दिसंबर 25, 2024 AT 21:16संसद में बातचीत का रास्ता खुला रहना चाहिए। चाहे वो अदानी हो या कुछ और। डर के मारे बात बंद कर देना लोकतंत्र के खिलाफ है।
Gaurav Garg
दिसंबर 26, 2024 AT 18:00तो अब अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल भी राजनीति का हथियार बन गया? क्या अब हर बयान में किसी महान व्यक्ति का नाम लेना जरूरी हो गया? ये नहीं कि वो बात बड़ी हो जाती है, बल्कि ये बात बड़ी हो जाती है कि उसे कैसे बोला जाता है।
Ruhi Rastogi
दिसंबर 26, 2024 AT 22:00सब नाटक है। बस नाटक।
Suman Arif
दिसंबर 28, 2024 AT 17:44ये विपक्ष का अपने असफलता का बहाना बनाने का तरीका है। अदानी के घोटाले को लेकर जब कोई ठोस सबूत नहीं है, तो फिर संसद में गड़बड़ी करके लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। ये लोग नेता नहीं, बस असफलता के नाटक बनाने वाले हैं।
Amanpreet Singh
दिसंबर 30, 2024 AT 00:21हम सब चाहते हैं कि संसद में बातचीत हो, न कि झगड़ा। अगर अदानी के मुद्दे पर जानकारी चाहिए, तो चर्चा करें, बिना झगड़े के। बीजेपी भी खुलकर बताए, विपक्ष भी बिना निंदा के पूछे। ये दोनों का देश है, ना?