फ़ाइनल का ख़ाका

कोलंबो में 11 मई, 2025 को हुए भारत‑Sri Lanka फ़ाइनल में India Women Cricket ने पहले बॉल का फैसला करके जीत पक्की कर ली। टॉस जीतकर भारत ने पहले बैटिंग करने का विकल्प चुना। 50 ओवर में 342/7 का विशाल लक्ष्य रखा, जिसमें ओपनर स्मृति मंडाना ने 116 रन की शतक धुरी बनाई। उनका 101 गेंदों पर 116‑रन का जुगाड़ नज़रें चुराने वाला था।

सुगंधिका कुमारी ने 10 ओवर में 2 विकेट लिए, पर उनका 59 रन का इकोनॉमी भारत की बिगहट को रोक नहीं सका। भारतीय बल्लेबाज़ों ने लगातार चौके‑छक्के मारते हुए स्कोर बोर्ड को भरा, और मध्यक्रम में भी तेज़ रफ़्तार बनी रही।

दूसरी टीम को 343 रन चेज़ करना था। श्रीलंका के कप्तान चामरी अथापथु ने 51 रन बनाकर शुरुआती प्रतिरोध दिया, पर Sneh Rana की 4/38 की स्पिन बॉल ने उनके बीच के क्रम को तोड़ दिया। 48.2 ओवर में 245 रन पर श्रीलंका सभी आउट हो गया, जिससे भारत ने 97 रन से जीत हासिल कर ली।

सीज़न की प्रमुख झलकियाँ

यह ट्राई‑नेशन सीरीज़ 2025 के महिला विश्व कप की पूर्व-तैयारी के तौर पर आयोजित की गई थी। तीन टीमें – भारत, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका – ने डबल राउंड‑रॉबिन फॉर्मेट अपनाया, जहाँ सभी मुकाबले ODI (50‑ओवर) में खेले गए। कुल चार मैच खेलने के बाद भारत ने तीन जीत और एक हार के साथ टॉप पर फ़िनिश किया, नेट रन रेट +0.457 के साथ।

श्रीलंका ने दो जीतकर दूसरे स्थान पर जगह बनाई, लेकिन उनका नेट रन रेट -0.542 रहा, जिससे उनका प्रदर्शन अस्थिर दिखा। दक्षिण अफ्रीका केवल एक जीत कर तालिका में तृतीयस्थ रहा।

सीज़न में कई नई चेहरों ने भी चमक दिखायी। क्रांतिगौड़ ने अपने ODI डेब्यू से टीम में गहरी छाप छोड़ी। उनके शुरुआती मैच में उन्होंने 38 रन बनाकर स्थिरता दिखाई, जो बड़े टूनामेंट में नई प्रतिभा को सामने लाने का संकेत था।

टॉस के बाद भारत की बैटिंग रणनीति साफ़ थी – तेज़ स्कोर बनाकर प्रतिद्वंद्वी पर दबाव डालना। स्मृति मंडाना के शतक ने इस योजना को साकार किया। उनका 116‑रन का इंटेंस इनिंग 101 गेंदों में बना, जिसमें 12 चौके और 8 छक्के शामिल थे। यह उनका व्यक्तिगत करियर में चौथा ODI शतक है और उन्होंने टीम को आत्मविश्वास दिलाया।

स्पिन में इंडिया की ताकत आज की जीत का मुख्य कारण थी। Sneh Rana की 9.2 ओवर में 4 विकेट – 38 रन – का प्रदर्शन न सिर्फ मध्यक्रम को तोड़ा, बल्कि विरोधी टीम की इंट्रिक असली नाटकीयता को भी कम कर दिया। उनका डॉट बॉल दबाव बनाकर शत्रु को नेट रन रेट घटाने में मददगार रहा।

फ़ाइनल का माहौल भी कुछ खास था। कोलंबो के R. Premadasa Stadium में लगभग 30,000 दर्शक मौजूद थे, और महिला क्रिकेट के बढ़ते मान को देखते हुए माहौल में उत्साह की लहर थी। भारतीय टीम के फील्डिंग में भी सुधार दिखा, जबकि पहले के मैचों में असंगत फ़ील्डिंग को लेकर कुछ आलोचनाएँ थीं।

इस जीत से भारत की महिला टीम को विश्व कप के लिए न सिर्फ एक पॉइंट मिल गया, बल्कि मनोवैज्ञानिक लाभ भी मिला। उनका सामूहिक प्रदर्शन, व्यक्तिगत चमक और रणनीतिक समझ स्पष्ट रूप से दिखाता है कि वे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिये तैयार हैं।

ट्राई‑नेशन सीरीज़ के समापन के बाद, भारतीय प्रशिक्षक ने कहा कि टीम को इस जीत से मिली ऊर्जा को विश्व कप में लागू करने का लक्ष्य है। उन्होंने विशेष रूप से स्मृति मंडाना और Sneh Rana को अपने-अपने विभागों में लीडरशिप के लिये सराहा।