हमास प्रमुख यह्यिा सिनवार का परिचय
यह्यिा सिनवार का नाम जब भी आता है, तो उनके कट्टरपंथी विचार और इजरायल के प्रति नफरत इतिहास के पन्नों में दर्ज दिखाई देती है। वह हमास के प्रमुख नेता थे और उन्हें 'खान यूनिस का कसाई' कहा जाता था, जो उनके द्वारा किए गए हिंसक और निर्दयी कार्यों के लिए जाना जाता था। सिनवार को इजरायली सुरक्षा एजेंसियाँ काफी समय से खोज रही थीं क्योंकि उन्होंने 7 अक्टूबर के भयावह हमलों को अंजाम दिया था जिसमें 1200 लोगों की जान गई थी।
सिनवार का रणनीतिक दिमाग और युद्ध की योजना
सिनवार, जो खुद 22 साल तक इजरायली जेल में बंद रहे थे, उन्होंने इजरायली सैन्य रणनीतियों और सुरक्षा प्रणाली की गहरी समझ विकसित कर ली थी। वे इन चीजों का फायदा उठाकर खुद को मुश्किल से पकड़ में आने वाला व्यक्तित्व बना चुके थे। उनके बारे में कहा जाता है कि वे भूमिगत सुरंगों में छिपकर और मानवीय ढाल का उपयोग कर अपनी सुरक्षा करते थे, जिन्हें 'गाज़ा मेट्रो' कहा जाता है। इस रणनीति के कारण इजरायल को उन तक पहुँच पाना कठिन हो गया था।
हमास के भीतर वैचारिक मतभेद
हमास के अंदर यह्यिा सिनवार के नेतृत्व में एक कट्टरपंथी विचारधारा थी, जो गाज़ा से इजरायलियों को हटाने के लिए हिंसा को प्राथमिकता देती थी। इसे 'होटल लोग' कहा जाता था, जो इस्माइल हानिया द्वारा नेतृत्व किया गया एक गुट था, जो बातचीत और सीमित हिंसा को तरजीह देता था। इस्माइल हानिया की हत्या के बाद यह्यिा सिनवार ने हमास पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कर लिया था और हिंसात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने लगे थे।
इजरायली ऑपरेशन की सफलता
हाल ही में इससे जुड़ी खबरे आई कि सिनवार की हत्या इजरायली ऑपरेशन में कर दी गई है। इजरायली खुफिया एजेंसियाँ, मूस्द और शिन बेट, उनकी पहचान की पुष्टि करने के लिए काम कर रही थीं। इस ऑपरेशन के दौरान, यह देखा गया कि सिनवार, जो आखिरी बार 10 अक्टूबर को एक वीडियो में देखा गया था, जिसमें वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक संकरी सुरंग में जा रहे थे, अब जीवित नहीं रहे।
इस ऑपरेशन के सफल होने पर इजरायली विदेश मंत्री ने सिनवार की हत्या की पुष्टि करते हुए इस बात की जानकारी दी कि उन पर हवाई हमला किया गया, जिसमें उनके समेत तीन अन्य लोग भी मारे गए। इससे पहले तक, सिनवार के बारे में कहा जाता था कि वह भूमिगत सुरंग में सुरक्षित हैं और आत्मघाती बम धमाकों का आदेश दे रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यह हत्या वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है। सोशल मीडिया से लेकर समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों तक, सभी जगह इस ऑपरेशन की चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसे मध्य पूर्व में बिगड़ते हालात के लिए इजरायल की आवश्यक जवाबी कार्रवाई मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे और बढ़ती हिंसा के कारण के रूप में देख रहे हैं। हालांकि, यह देखना अभी बाकी है कि इस ऑपरेशन का हमास और क्षेत्र के सुरक्षा परिदृश्य पर आगे क्या प्रभाव पड़ेगा।
इस सभी घटनाक्रम के गहन विश्लेषण और इस पर कई विशेषज्ञों की राय अभी सामने आने की उम्मीद है। इस ऑपरेशन ने दिखा दिया है कि हमास के खिलाफ इजरायल की नीतियाँ कितनी आक्रामक और रणनीतिक हो सकती हैं, खासकर जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो।
यह घटना यह भी प्रश्न उठाती है कि क्या राजनीतिक हिंसा का कोई अंत हो सकता है और क्या बातचीत और शांति के मंसूबे कभी साकार होंगे।
Arun Kumar
अक्तूबर 18, 2024 AT 23:59Deepak Vishwkarma
अक्तूबर 19, 2024 AT 10:35Anurag goswami
अक्तूबर 21, 2024 AT 02:26Saksham Singh
अक्तूबर 22, 2024 AT 19:23Ashish Bajwal
अक्तूबर 22, 2024 AT 23:19Biju k
अक्तूबर 24, 2024 AT 08:52Akshay Gulhane
अक्तूबर 25, 2024 AT 22:26Deepanker Choubey
अक्तूबर 26, 2024 AT 11:58Roy Brock
अक्तूबर 28, 2024 AT 00:40Prashant Kumar
अक्तूबर 28, 2024 AT 21:18Prince Nuel
अक्तूबर 29, 2024 AT 13:35Sunayana Pattnaik
अक्तूबर 31, 2024 AT 04:09akarsh chauhan
नवंबर 1, 2024 AT 22:09soumendu roy
नवंबर 2, 2024 AT 04:06