दिल्ली-एनसीआर में आज 60 किमी/घं तक हवा, येलो अलर्ट; बादल-बारिश से पारा नीचे

आज दिल्ली-एनसीआर में मौसम करवट बदल चुका है। 60 किमी/घं तक की रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी है, और आकाश दिनभर अधिकतर बादलों से ढका रह सकता है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि गुरुग्राम, नोएडा और फरीदाबाद ऑरेंज अलर्ट के दायरे में हैं। इसका सीधा मतलब—बारिश छिटपुट से मध्यम रहेगी, कहीं-कहीं तेज बौछारें लग सकती हैं और सफर थोड़ा धीमा पड़ेगा।

रिपोर्ट: जतिन

पिछले दो दिनों में जो ट्रेंड दिखा, वही आज भी जारी रहने की संभावना है—गरज-चमक के साथ बारिश, तेज बौछारें और झोंकों वाली हवा। राजधानी में न्यूनतम तापमान 23.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सीजन के औसत से करीब 2.8 डिग्री नीचे है। अधिकतम तापमान 30 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। सुबह के समय नमी 90% तक रही, इसलिए ठंडी हवा और बादलों के बीच लोगों को उमस कम और राहत ज्यादा महसूस हो रही है। यही मौसमी सेटअप हफ्ते भर बीच-बीच में सक्रिय रहेगा—हल्की से मध्यम बारिश, बीच-बीच में तेज बौछारें और तेज हवा के झोंके।

दिल्ली एनसीआर मौसम का यह मूड अचानक नहीं बदला। मॉनसून ट्रफ उत्तर भारत के करीब सक्रिय है और पूर्वी-मध्य हिस्सों में बने सिस्टम से नमी लगातार खिंच रही है। वहीं ऊपरी हवा का चक्रवात और निचले स्तर की तेज हवाएं मिलकर बादल बनने की रफ्तार बढ़ा रही हैं। नतीजा—दिन में बादल, शाम-रात में बारिश की संभावनाएं और हवा के झोंके। आईएमडी ने पहले ही 1 सितंबर की बारिश-गरज और तेज हवा की सही चेतावनी दी थी, जब दोपहर में अंधेरा छा गया और कई जगह गाड़ियों ने हेडलाइटें जला कर चलना पड़ा। 3 सितंबर को भी गरज-चमक के साथ बारिश का दौर बना रहा।

अब बात अलर्ट की भाषा को आसान करने की। येलो अलर्ट मतलब—मौसम खराब हो सकता है, ध्यान रखें। ऑरेंज अलर्ट—तेजी से असर दिखेगा, तैयार रहें। रेड अलर्ट—खतरा गंभीर, तुरंत कार्रवाई जरूरी। फिलहाल दिल्ली येलो और आसपास ऑरेंज लेवल पर हैं, पर उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में रेड अलर्ट भी जारी है। हिमाचल, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में घंटाभर में 15 मिमी से ज्यादा बारिश की चेतावनी है। तमिलनाडु, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में ऑरेंज अलर्ट का मतलब है—मध्यम से भारी बारिश की संभावनाएं बनी हुई हैं।

बारिश की राहत के बीच चुनौतियां भी हैं। कई इलाकों में पानी भरने से ट्रैफिक धीमा पड़ा है। अंडरपास और लो-लाइंग पॉकेट्स में जलभराव आम दृश्य है, इसलिए कार-बाइक सवार सावधानी रखें। 40–60 किमी/घं की हवा के झोंके पेड़ों की टहनियां और ढीले होर्डिंग्स गिरा सकते हैं, पार्किंग और फुटपाथों पर चलते समय नजर रखें। गरज-चमक के दौरान खुले मैदान और अकेले पेड़ के नीचे रुकना खतरा बढ़ाता है, इसलिए ऐसे वक्त में पक्के शेड या इमारत के अंदर ठहरना ज्यादा सुरक्षित है।

यमुना का जलस्तर फिलहाल चिंता की वजह बना हुआ है। पुराना रेलवे पुल (ओल्ड रेलवे ब्रिज) के पास लेवल 207 मीटर के पार पहुंचने की खबर है और खतरे के निशान के आसपास बना हुआ है। प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया है, मयूर विहार समेत संवेदनशील जगहों पर राहत कैंप तैयार हैं। सेक्टर अधिकारियों को निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं और यमुना खादर में रहने वालों से सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की गई है।

हवाई यात्रा पर भी असर दिख रहा है। इंडिगो और एयर इंडिया ने यात्रियों से फ्लाइट स्टेटस पहले जांचने और एयरपोर्ट के लिए समय से निकलने की सलाह दी है। तेज हवा और विजिबिलिटी में बदलाव से टेक-ऑफ/लैंडिंग स्लॉट प्रभावित होते हैं, इसलिए देरी या गेट बदलाव जैसी स्थिति सामान्य है।

आपके लिए जरूरी सलाह और अगले दिनों का अनुमान

आपके लिए जरूरी सलाह और अगले दिनों का अनुमान

आज और अगले कुछ दिनों के लिए राजधानी में मौसम का पैटर्न broadly ऐसा रहेगा—अधिकतर बादल, रुक-रुककर हल्की से मध्यम बारिश, और दोपहर से रात के बीच गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ने का मौका। हवा के झोंके 30–60 किमी/घं तक जा सकते हैं। तापमान 29–32 डिग्री अधिकतम और 23–25 डिग्री न्यूनतम के दायरे में रहने की उम्मीद है। नमी ऊंची रहेगी, पर हवा और बारिश के साथ उमस कम खलेगी।

  • ऑफिस/कम्यूट: 15–20 मिनट पहले निकलें। अगर बारिश तेज दिखे तो वैकल्पिक रूट चुनें और अंडरपास से बचें।
  • ड्राइविंग: पानी भरे हिस्सों में ब्रेक हल्के-हल्के दबाएं, हेडलाइट ऑन रखें। इंजन में पानी जाने का जोखिम हो तो कार रोक दें—फोर्स्ड आरपीएम नुकसान करता है।
  • बिजली/नेटवर्क: पावर कट की संभावना बनी रहती है। पावर बैंक चार्ज रखें, जरूरी काम ऑफलाइन सेव करें।
  • बच्चे-बुजुर्ग: बाहर जाते समय रेनकोट/छतरी दें। फिसलन वाली जगहों और खुले मैदान से दूर रखें।
  • घर-ऑफिस: बालकनी/छत पर रखी ढीली चीजें भीतर रखें। ड्रेनेज पॉइंट से कचरा हटाएं ताकि पानी जमा न हो।
  • दुकानदार/हॉर्डिंग्स: टीन शेड और बोर्ड की फिटिंग कसकर चेक करें। तेज हवा में ढीले ढांचे सबसे पहले गिरते हैं।
  • फ्लाइट/ट्रेन: रीयल-टाइम स्टेटस चेक करें, आईडी और टिकट की सॉफ्ट कॉपी साथ रखें। एयरपोर्ट-स्टेशन के लिए अतिरिक्त समय रखें।

दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद—चारों जगहों पर आज हल्की से मध्यम बारिश का फैला हुआ दायरा रहेगा। कुछ इलाकों में धुआंधार बौछारें पड़ सकती हैं, जबकि कुछ हिस्से सिर्फ बादल और हवा तक सीमित रहेंगे। इसे ही स्थान विशेष (स्पैशियल) वैरिएबिलिटी कहते हैं—मौसम पास-पास के दो इलाकों में अलग-अलग असर दिखाता है।

हफ्ते के बीच (बुध–शुक्र) में दिन के वक्त बादल ज्यादा और शाम-रात में बौछारें ज्यादा दिख सकती हैं। वीकेंड तक यही सेटअप रहने की उम्मीद है। अगर आप आउटडोर इवेंट प्लान कर रहे हैं तो बैकअप इनडोर स्पेस रखें।

स्वास्थ्य के मोर्चे पर एक फायदा साफ है—हवा में नमी और बारिश से धूल दबती है, जिससे सांस लेने में आसानी महसूस होती है। पर फफूंदी और मच्छरों का खतरा बढ़ता है। घरों में वेंटिलेशन रखें, गमलों और कूलर में ठहरा पानी खाली करें, और यदि एलर्जी है तो बाहर लौटकर कपड़े बदलना व हाथ-मुंह धोना मददगार रहेगा।

बिजली और पेड़ों संबंधी शिकायतें बढ़ सकती हैं। स्थानीय हेल्पलाइंस पर सूचना देते समय लोकेशन और तस्वीर साझा करें तो रेस्पॉन्स तेज मिलता है। सोसायटियों में जेनरेटर की बेसिक सर्विसिंग चेक कर लें—बारिश और तेज हवा में ओवरलोडिंग आम है।

खेती-बागवानी करने वालों के लिए छोटी सी गाइड: कीटनाशक छिड़काव बारिश थमने के 24 घंटे बाद करें, वरना असर आधा रह जाता है। खेत में पानी निकासी के लिए छोटी नालियां साफ रखें। नर्सरी प्लांट्स और बेलों को स्टेकिंग दें ताकि हवा में न टूटें।

गरज-चमक की स्थिति में सेफ्टी सबसे पहले आती है। अकेले पेड़, खुले मैदान, धातु की रेलिंग और पानी भरे इलाके से दूर रहें। घर के अंदर ढीले विद्युत उपकरणों को अनप्लग कर देना समझदारी है। मोबाइल चार्ज करते समय बिजली गिरने के दौरान खिड़कियों के पास खड़े न हों।

ट्रैफिक के लिहाज से पीक ऑवर्स में धीमा चलना तय है। जिन रूट्स पर अक्सर पानी भरता है, वहां डाइवर्जन मिल सकता है। आरडब्ल्यूए और मार्केट एसोसिएशनों को अभी से जलनिकासी की सफाई, सैंडबैग और टॉर्च/सबमर्सिबल पंप जैसी बेसिक तैयारी रखनी चाहिए।

कुल मिलाकर, मौसम सुहाना है पर ढिलाई की गुंजाइश नहीं। बादल और बारिश गर्मी से राहत दे रहे हैं, पर तेज हवा, जलभराव और बढ़ता यमुना स्तर सतर्क रहने की वजह हैं। फोन पर मौसम अलर्ट ऑन रखें, सफर से पहले अपडेट लें और जहां भी हों—सुरक्षा को प्राथमिकता दें।