जब रेमश्वर लाल दूदी, सीनियर कांग्रेस नेता और कांग्रेस पार्टी का निधन बिकानेर में 3 अक्टूबर 2025 को हुआ, तो राजनीति जगत में शोक की लहर दौड़ गई। 62 वर्ष की आयु में, दो साल के कोमा के बाद लेटेस्ट एम्बरीओलॉजी रिपोर्ट ने उनका नाम सूची में जोड़ दिया। यह घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत नुकसान नहीं, बल्कि राजस्थान की राजनीतिक गतिशीलता में एक बड़ा बदलाव है।

राजनीतिक सफर और महत्वपूर्ण पद

दूदी का नाम पहली बार 1995 में नोक्खा, बिकानेर के पंचायत समिति के प्रधान के रूप में सुना गया। पाँच साल बाद वह जिला परिषद अध्यक्ष बने, और 1999‑2000 में लोकसभा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति व सार्वजनिक वितरण समिति में सदस्य रहे। 2000‑2004 में उन्होंने 13वीं लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर उनका प्रवेश हुआ।

राजस्थान में उनका प्रभाव 2014‑2018 में राजस्थान विधान सभा के विपक्षी नेता के रूप में चरम पर पहुँचा। इस दौरान वह कई प्रमुख विधायी सवालों में मुखर रहकर सरकार की नीतियों को चुनौती देते रहे। 2022‑2023 में उन्होंने राजस्थान राज्य एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष का पद संभाला, जहाँ उन्हें कैबिनेट स्तर का दर्जा मिला।

मस्तिष्क रक्तस्राव से संघर्ष

27 अगस्त 2023 को जयपुर में एक अचानक मस्तिष्क रक्तस्राव (सिरेब्रल हेमरेज) ने उनके करियर को झटके में डाल दिया। तुरंत एसएमएस अस्पताल, जयपुर में शल्य‑क्रिया करवाई गई, पर बाद में अत्याधुनिक देखभाल के लिए उन्हें मेडैंटा अस्पताल, गुड़गांव ट्रांसफ़र किया गया।

दो साल के दौरान उन्हें हाइपरटेंशन, मधुमेह और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों ने और जटिल बना दिया। डॉक्टरों की एक असंतुष्ट रिपोर्ट में कहा गया कि दिमाग में खून का दबाव और रक्तस्राव के बाद हुए न्यूरोलॉजिकल नुकसान को पूरी तरह सुधारा नहीं जा सका। यही कारण था कि वह लगातार कोमा में रहे।

"हम ने हर संभव उपाय प्रयत्न किया, पर उनका स्वास्थ्य सुधरना दुर्भाग्य से संभव नहीं हुआ", एक वरिष्ठ चिकित्सक ने अस्पताल में कहा।

पारिवारिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

दूदी की पत्नी सुशीलादेवी ने 1983 में वैवाहिक बंधन बाँधा था, और दो बच्चों की मां हैं। उन्होंने इस कठिन समय में संभलते हुए परिवार को मजबूती से खड़ा किया। बीते शुक्रवार को बिकानेर के स्थानीय सोसाइटी सेंटर में अन्तिम संस्कार आयोजित किए गए, जहाँ कई बडै राजनीतिज्ञ और आम लोग शोक व्यक्त करने आए।

राजस्थान के मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक घेहलोत ने यह घोषणा सुनते ही कहा, "दुर्दैवपूर्ण क्षति ने हम सभी को गहरा शोक पहुँचाया है। उनका योगदान रहनुमा रहेगा।" कांग्रेस के अभासी नेता, राष्ट्रीय अध्यक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी धूम्रपान और दृढ़ता का स्मरण कराते हुए कहा गया कि वह "राजनीतिक समर्पण के प्रतीक" थे।

राज्य और पार्टी पर प्रभाव

दूदी का निधन कांग्रेस के भीतर एक बड़े अंतर को उजागर करता है। वे अपने निर्वाचन क्षेत्र, बिकानेर, में किसानों और छोटे व्यवसायियों के लिए कई विकास योजनाओं के प्रधान रहे। उनकी अनुपस्थिति से स्थानीय पार्टी ने गठबंधन रणनीति और उम्मीदवार चयन में पुनः विचार करना पड़ेगा।

राज्य की राजनीति में विपक्षी आवाज़ की कमी का भी सवाल उठ रहा है। घटनाक्रम का विश्लेषण करते हुए कुछ राजनैतिक विश्लेषकों ने कहा, "यदि कांग्रेस इस तरह के अनुभवी नेता को खो देती है, तो वह अपनी रणनीतिक स्थिरता को पुनः स्थापित करने में कठिनाई का सामना कर सकता है।"

वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के नेतृत्व ने दोहराते हुए कहा कि यह "एक बड़ी क्षति है, पर हमारे मिशन को आगे बढ़ाने में यह रुकावट नहीं बन सकती"।

भविष्य की दिशा

बिकानेर में अब कांग्रेस को नया चेहरा चाहिए। पार्टी ने स्थानीय स्तर पर युवा नेताओं को प्रोत्साहित करने की घोषणा की है, और एक तेज़ी से कार्य करने वाली टीम का गठन करने की योजना बनाई है। दूसरी ओर, राज्य सरकार ने भी मृत्युपर्यंत की देखभाल में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार की बात की, क्योंकि दुर्दशा वाले मामले अक्सर इमरजेंसी के बाद उचित उपचार नहीं पा पाते।

इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि मस्तिष्क रोग और पुरानी बीमारियों की जाँच‑पड़ताल के लिए बेहतर स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्रारम्भिक चरण में कदम उठाए जाएँ तो कई मामलों में जीवन बचाया जा सकता है।

  • मुख्य तथ्य
    • वयोवृद्ध कांग्रेस नेता रेमश्वर लाल दूदी का निधन 3 अक्टूबर 2025 को बिकानेर में हुआ।
    • दो साल से कोमा में रहने के बाद मस्तिष्क रक्तस्राव के कारण उनका देहावसान हुआ।
    • पिछले समय में उन्होंने राजस्थान विधान सभा के विपक्षी नेता और एग्रो बोर्ड के अध्यक्ष सहित कई प्रमुख पद संभाले।
    • उपचार के लिए एसएमएस अस्पताल (जयपुर) और मेडैंटा अस्पताल (गुड़गांव) में भर्ती रहे।
    • राज्य के मुख्यमंत्री अशोक घेहलोत और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने शोक व्यक्त किया।

Frequently Asked Questions

रेमश्वर लाल दूदी की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण क्या था?

दूदी को 27 अगस्त 2023 को जयपुर में सिरेब्रल हेमरेज हुआ, जिससे मस्तिष्क में गंभीर नुकसान हुआ। पुरानी हाइपरटेंशन, मधुमेह और हृदय रोग ने उनके स्वास्थ्य को और बिगाड़ दिया, अंततः दो साल के कोमा के बाद उनका निधन हो गया।

उनकी मृत्यु से राजस्थान कांग्रेस पर क्या असर पड़ेगा?

दूदी की नेतृत्व क्षमता और बिकानेर में जड़ें कांग्रेस के लिए एक बड़ी कमी बनेंगी। पार्टी को नए उम्मीदवारों को तैयार करना होगा और स्थानीय स्तर पर समर्थन को दोबारा बनाना पड़ेगा, नहीं तो विपक्षी लाभ का अवसर मिल सकता है।

क्या उनके इलाज में कोई विशेष चुटकी या उपेक्षा रही?

उपचार स्थानीय स्तर पर एसएमएस अस्पताल, जयपुर और फिर मेडैंटा अस्पताल, गुड़गांव में किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि शुरुआती चरण में रक्तस्राव को नियंत्रित करना संभव था, पर पुरानी बिमारीयों की वजह से जटिलता बढ़ी।

अंतिम संस्कार कहाँ और कब आयोजित किया गया?

बिकानेर में उनके घर पर 4 अक्टूबर 2025 को अंतिम संस्कार किया गया। स्थानीय सोसाइटी सेंटर में बड़े पैमाने पर सैकड़ों लोगों ने शोक व्यक्त किया, जिसमें कई राज्य और राष्ट्रीय राजनयी उपस्थित थे।

उनकी राजनीतिक विरासत को कैसे संजोया जा रहा है?

दूदी ने कई विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाया, जैसे कि कृषि में नई तकनीकों का अपनाना और ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार। उनका नाम अब भी बिकानेर के कई स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों में स्मारक के रूप में रखा गया है, जिससे उनकी सामाजिक योगदान की याद ताजा रहती है।