आपके पास जो भी पैसा, जमीन या कोई कीमती चीज़ है, उसे आप अपने मनचाहे लोगों को देना चाहते हैं—ये पूरी तरह से आपका अधिकार है। लेकिन अगर आप अचानक नहीं रह जाएँ तो आपके परिवार के लिए झंझट बन सकता है. इसलिए वसीयत बनाना एक स्मार्ट कदम है, और इसे इतना मुश्किल भी नहीं होना चाहिए.
सबसे पहला काम है यह तय करना कि आप कौन‑कौन को क्या देना चाहते हैं। अपने पास मौजूद सभी एसेट्स की लिस्ट बनाएं—जमीन, बैंक बैलेंस, शेयर, गहना या बीमा पॉलिसी. फिर तय करें कि कौन‑सी चीज़ किसको मिलेगी। इस लिस्ट में छोटी‑छोटी बातें जैसे मोबाइल या लैपटॉप भी डाल सकते हैं, क्योंकि बाद में ये छोटे आइटम्स अक्सर विवाद का कारण बनते हैं.
अब एक साफ़ कागज़ पर लिखें: "मैं, [आपका नाम], अपनी वसीयत के तहत निम्नलिखित एसेट्स को इस प्रकार बाँट रहा/रही हूँ..." ऐसे सीधा और स्पष्ट भाषा में लिखें कि कोई भी समझ सके.
भारत में वसीयत के दो मुख्य रूप हैं—नोटरीड वसीयत और स्व-साक्षर (हस्तलिखित) वसीयत. नोटरीड वसीयत में आप दस्तावेज़ को नोटरी पब्लिक से वैरिफाई करवाते हैं, जिससे बाद में किसी भी दावे पर इसे आसानी से कोर्ट में पेश किया जा सकता है। यदि आपके पास लिखने का समय नहीं है या आप खुद नहीं लिखना चाहते तो इस विकल्प को चुनें.
हस्तलिखित वसीयत के लिए तीन गवाह जरूरी होते हैं—जिनकी उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए और वे दस्तावेज़ पर साइन करें। गवाहों को यह सुनिश्चित करना है कि आप पूरी शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम हों और कोई दबाव नहीं है.
वसीयत में नीचे लिखें: तारीख, जगह, आपका पूरा नाम, पिता/पति का नाम, पता. फिर एसेट्स की डिटेल और किसे क्या मिलेगा, इसे स्पष्ट करें। अंत में "मैं इस वसीयत को अपनी इच्छा से बना रहा/रही हूँ" लिखें और अपने हाथ से साइन करें.
ध्यान रखें—वसीयत बनाते समय शराब या नशे की हालत में नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे वैधता पर सवाल उठ सकता है. साथ ही, अगर आप पहले किसी एसेट को बेचते या दान करते हैं तो वसीयत में उसकी जानकारी अपडेट करना ज़रूरी है.
एक बार लिखी हुई वसीयत को सुरक्षित जगह पर रखें—जैसे बैंक की सेफ डिपॉज़िट बॉक्स, नॉटरियों के पास या भरोसेमंद रिश्तेदार के पास. डिजिटल स्टोरेज भी चालू है; आप स्कैन कर के क्लाउड में रख सकते हैं, लेकिन असली काग़ज़ी कॉपी हमेशा रखें.
यदि आपके जीवन में बड़ा बदलाव आता है—शादी, तलाक, बच्चा होना या एसेट्स का बढ़ना—तो वसीयत को अपडेट करना न भूलें. पुरानी वसीयत को रद्द करके नई बनाएं और गवाहों से फिर साइन करवाएँ.
अंत में एक बात: अगर आप अपने वारिसों के बीच कोई विशेष शर्त रखना चाहते हैं, जैसे कि बच्चा पढ़े तभी एसेट मिले, तो यह भी लिख सकते हैं, लेकिन इसे स्पष्ट भाषा में रखें ताकि बाद में समझने में परेशानी न हो.
वसीयत बनाना आपके और आपके परिवार की सुरक्षा का पहला कदम है. थोड़ा समय लगाएँ, सही क़दम उठाएँ—भविष्य में बड़ी परेशानियों से बचें।
भारतीय उद्योगपति और समाजसेवी रतन टाटा के निधन के बाद उनके 10000 करोड़ रुपये की वसीयत का विवरण सामने आया है। इसमें उनका भरोसा, उनके परिवार के सदस्य, कर्मचारी और उनके निजी सहयोगी शंतनु नायडू शामिल हैं। वसीयत में टाटा समूह की कंपनियों की हिस्सेदारी रतन टाटा एंडॉवमेंट फाउंडेशन को हस्तांतरित करने का उल्लेख किया गया है। इससे मिलने वाली आय फाउंडेशन को दी जाएगी।