आप तुर्की की नई‑नई घटनाओं को जानना चाहते हैं? यहाँ पर हम राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल और यात्रा से जुड़ी सबसे ज़रूरी जानकारी एक ही जगह दे रहे हैं। हर सेक्शन छोटा है लेकिन पूरी बात समझाता है, इसलिए पढ़ते रहिए बिना थके।
पिछले हफ़्ते इस्तांबुल में राष्ट्रपति ने एक बड़ा विदेशी दौरा किया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मध्य‑पूर्व के साथ ऊर्जा समझौता मजबूत करना था। दोनों देशों ने नई गैस पाइपलाइन पर चर्चा की और अगले साल तक परियोजना शुरू होने का वादा किया। यही नहीं, तुर्की ने यूरोपीय संघ को भी अपने सीमा सुरक्षा में सहयोग देने की पेशकश की है, जिससे शरणार्थियों के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
देश के भीतर राजनीतिक माहौल भी गर्म है। संसद में सरकार और विपक्ष के बीच बजट पर कई बार तेज़ बहस हुई। मुख्य मुद्दा था इन्फ्लेशन नियंत्रण और कर सुधार। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सरकार जल्द से जल्द स्थिरता लाए तो विदेशी निवेश बढ़ेगा और रोज़गार की स्थितियाँ सुधरेंगी।
तुर्की की अर्थव्यवस्था इस साल 4% की वृद्धि दिखा रही है, जो पिछले वर्ष से बेहतर है। मुख्य कारण निर्यात में बढ़ोतरी और नई तकनीकी कंपनियों का उभरना बताया जा रहा है। खास तौर पर एयरोस्पेस और ऑटोमोबाइल सेक्टर ने बड़ी प्रगति की है। साथ ही सरकार ने छोटे व्यवसायों के लिए कम ब्याज दर वाला ऋण योजना शुरू की, जिससे स्टार्ट‑अप्स को फंड मिलने में मदद मिल रही है।
पर्यटन भी तेजी से बढ़ रहा है। इस्तांबुल, कपादोकी और एफ़ेसस जैसे शहरों में विदेशी यात्रियों की संख्या इस साल 12% बढ़ी। नया वीज़ा नियम और ऑनलाइन इमिग्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाने के कारण लोग जल्दी यात्रा तय कर रहे हैं। अगर आप तुर्की जाना चाहते हैं तो अप्रैल‑जून का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि तापमान मध्यम रहता है और भीड़ कम होती है।
खेल की बात करें तो फुटबॉल में सुपर लिग टीमों ने यूरोपीय प्रतियोगिताओं में अच्छी प्रदर्शन किया। एफ़ेन्स्पोर टर्की के युवा खिलाड़ियों को अब बड़े क्लबों का ध्यान मिला है, जिससे राष्ट्रीय टीम में नई ऊर्जा आयी है। साथ ही तुर्की के बास्केटबॉल लीग को भी अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सराहना मिली, इसलिए अगले सीजन में दर्शकों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
संक्षेप में कहें तो तुर्की एक बदलते दौर में है—राजनीति में नई दिशा, अर्थव्यवस्था में स्थिरता और पर्यटन में वृद्धि। अगर आप इन सभी क्षेत्रों से जुड़ी खबरों को नियमित रूप से फॉलो करना चाहते हैं, तो हमारी साइट पर आएं और हर अपडेट तुरंत पढ़ें। आपके सवालों के जवाब भी हम यहीं देंगे, बस एक टिप्पणी छोड़ दें।
तुर्की मुस्लिम धर्मगुरु फेतुल्लाह गुलेन का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप ऐर्दोगान के कट्टर प्रतिद्वंदी थे और 2016 के असफल विद्रोह के मास्टरमाइंड कथित तौर पर माने जाते थे। गुलेन के निधन की घोषणा उनके मीडिया चैनल ने की। उनका अवसान तुर्की और उनके संगठन के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।