हर साल जब हम शहिद दिवस मनाते हैं तो दिल में एक खास एहसास होता है। यह वो दिन है जब देश के उन वीर जवानों और आम लोगों की कुर्बानी को याद किया जाता है जिन्होंने अपने प्राण देकर आजादी या सुरक्षा की रक्षा की। इस अवसर पर स्कूल‑कॉलेज, सरकारी दफ़्तर और घर‑घर में झंडा फहराया जाता है, शहीद परिवारों को सम्मान दिया जाता है और कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
भारत में शहिद दिवस की शुरुआत 1965 के बाद हुई जब सरकार ने हर साल 19 मार्च को ‘शहिदी दिवस’ घोषित किया। यह तारीख 1931‑22 के सत्र में हुए ‘लॉस एंजेल्स परेड’ के बाद कई बार बदली गई, लेकिन आज यह दिन राष्ट्रीय शहीदों की याद में स्थायी रूप से मनाया जाता है। इस दिन का मूल उद्देश्य लोगों को बताना है कि हमारी स्वतंत्रता और सुरक्षा उन लोगों के बलिदान बिना अधूरी रह जाती।
आप घर पर या सामाजिक स्थानों में सरल तरीकों से शहिद दिवस को मान्य कर सकते हैं। सबसे पहले अपने देशभक्त झंडे को फहराएँ और सुबह की प्रार्थना के साथ शहीद स्मृति समारोह आयोजित करें। स्कूल‑कॉलेज में इतिहास के शिक्षक अक्सर शहीदों की कहानियों को पढ़ाते हैं, आप भी बच्चों को उन वीरों की कहानी सुनाकर प्रेरित कर सकते हैं। स्थानीय शहीद स्मारक पर जाकर फूल रखकर या पर्ची लिखकर सम्मान दिखाएँ – यह छोटा सा कदम बहुत बड़ा असर डालता है।
शहिद दिवस के कार्यक्रम में कई बार राष्ट्रीय गान, रिवाज़ी ध्वजवाहन और शहीद परिवारों को उपहार देना शामिल होता है। आप अपने सामाजिक मीडिया पर भी शहिदों की तस्वीरें या उनके जीवन से जुड़ी छोटी कहानियां साझा करके जागरूकता बढ़ा सकते हैं। याद रखें कि हर शब्द में सच्चाई होनी चाहिए, ताकि जनता सही जानकारी तक पहुँच सके।
शहीद दिवस सिर्फ एक तिथी नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्रीय भावना का प्रतिबिंब है। जब हम अपने शहीदों को याद करते हैं तो उनका साहस और त्याग हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। इसलिए इस दिन को दिल से मनाएँ, अपने आसपास के लोगों में सम्मान की भावना जगाएँ और देशभक्ति को जीवित रखें।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में शहीद दिवस के अवसर पर मौन धारण किया, जो महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत की स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। मुख्यमंत्री धामी का यह कदम राष्ट्रव्यापी शहीद दिवस पर्यवेक्षण का हिस्सा है, जिसे देशभर के सरकारी कार्यालयों और संस्थानों द्वारा भी मनाया जाता है।