आपने कभी सोचा होगा कि आपका पसंदीदा ब्रांड नाम या आपके व्यवसाय का नाम ऑनलाइन किसी और की साइट पर दिख रहा है? यही साइबरस्क्वाटिंग है। इसका मतलब है कोई व्यक्ति या कंपनी जो लोकप्रिय शब्द, ट्रेडमार्क या ब्रांड को डोमेन के रूप में पहले से ले लेता है और बाद में मालिकों से पैसे वसूलने की कोशिश करता है। अक्सर ये साइटें खाली पेज या विज्ञापन वाली होती हैं, लेकिन कभी‑कभी नकली शॉपिंग साइट बनाकर उपयोगकर्ता डेटा चुराने का भी प्रयास करती हैं।
सबसे पहले स्क्वॉटर एक डोमेन रजिस्ट्रार से कम कीमत पर नाम खरीद लेता है, अक्सर .com या .in जैसी सामान्य एक्स्टेंशन के साथ। फिर वह साइट को खाली छोड़ देता है या थोड़ी‑बहुत जानकारी डाल कर ट्रैफ़िक आकर्षित करता है। जब असली ब्रांड मालिक देखता है कि उनका नाम पहले से बुक हो गया है तो स्क्वॉटर उनसे कीमत माँगता है, जैसे "भुगतान करो, नहीं तो हम इसे बेच देंगे". कभी‑कभी वह डोमेन को गुमनाम रख कर विज्ञापन नेटवर्क में डाल देता है जिससे वे पैसे कमाते हैं।
1. **पहले से रजिस्टर करें** – अपने व्यवसाय, प्रोडक्ट या व्यक्तिगत ब्रांड का नाम जितनी जल्दी हो सके कई एक्स्टेंशन (.com, .in, .net) में ले लें। यह सबसे सस्ता और प्रभावी उपाय है। 2. **डोमेन मॉनिटरिंग टूल इस्तेमाल करें** – ऐसे ऑनलाइन सेवाएं हैं जो आपके इच्छित डोमेनों को ट्रैक करती हैं और जब कोई नई डोमेन रजिस्टर करता है तो अलर्ट भेजती हैं। 3. **ट्रेडमार्क पंजीकरण कराएँ** – यदि आपका नाम ट्रेडमार्क के तहत सुरक्षित है, तो आप कानूनी तौर पर स्क्वॉटर को चुनौती दे सकते हैं और डोमेन ट्रांसफ़र करवाने की कोशिश कर सकते हैं. 4. **डोमेन पुनः प्राप्ति सेवा** – कुछ कंपनियां विशेष रूप से साइबरस्क्वाटिंग वाले डोमेनों को वापस लेने में मदद करती हैं। उनकी फीस थोड़ी महंगी हो सकती है, पर अगर आपका ब्रांड बहुत महत्वपूर्ण है तो यह फायदेमंद रहेगा. 5. **संभव हो तो सर्च इंजन से हटवा दें** – यदि स्क्वॉटर की साइट केवल विज्ञापन दिखा रही है और आप उसे बंद नहीं कर सकते, तो गूगल या बिंग को अनुरोध करके उस डोमेन को सर्च रिज़ल्ट से बाहर निकालने का प्रयास करें.
साइबरस्क्वाटिंग बहुत ही सामान्य समस्या बन गई है क्योंकि इंटरनेट पर हर दिन नई डोमेन्स बनाई जाती हैं। लेकिन ऊपर बताए गए कदमों से आप अपने ब्रांड की ऑनलाइन पहचान को सुरक्षित रख सकते हैं। याद रखें, रोकथाम में खर्चा बचत से कम नहीं—अगर आपके नाम का दुरुपयोग हो गया तो ठीक करना बहुत महंगा पड़ सकता है। अभी एक बार जांचें कि आपका पसंदीदा शब्द या ट्रेडमार्क पहले से कहीं और लेट नहीं हुआ है, और जरूरी कदम उठाएं।
एक दिल्ली स्थित ऐप डेवलपर ने Reliance Industries द्वारा उनकी JioHotstar.com डोमेन के लिए मांगी गई ₹1 करोड़ की मांग को अस्वीकार करने के बाद कानूनी सहायता के लिए गुहार लगाई है। डेवलपर का दावा है कि उन्होंने यह भविष्यवाणी की थी कि JioCinema और Disney+ Hotstar के बीच संभावित विलय होगा। हालांकि Reliance इसे साइबरस्क्वाटिंग का मामला मान रही है और कानूनी कार्रवाई की सोच में है।