अगर आप कभी भारतीय इतिहास या धर्म की किताब खोलते हैं तो सबसे पहले नाम "कृष्ण" सुनेंगे। न सिर्फ़ वह एक देवता है, बल्कि कई लोगों का दोस्त, मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत भी है। इस लेख में हम उनके बचपन, महाभारत में भूमिका और आज हमारे जीवन में कैसे असर डालते हैं, उस पर बात करेंगे। सरल भाषा में लिख रहे हैं ताकि हर कोई आसानी से समझ सके।
कृष्ण का जन्म वंसवती और देवकी के घर हुआ था, लेकिन बचपन में उन्हें गोपियों के साथ यशोदा ने पाला। गोकुल में उनकी लीलाएँ—माखन चुराना, कन्हैया की बंसी बजाना, रासलीला—सब बच्चों को हँसी‑खुशी से भर देती थीं। फिर उन्होंने कंस के खिलाफ लड़ाई करके अपने पिता को बचाया, जो दर्शाता है कि वह हमेशा न्याय के लिए खड़े रहे।
कृष्ण ने महाभारत में भी मुख्य भूमिका निभायी। जब पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध का सवाल आया, तो उन्होंने अर्जुन को "भगवत गीता" सुनाकर जीवन का असली उद्देश्य बताया। यह गीता आज तक पढ़ी‑जाती है क्योंकि इसमें कर्म, धैर्य और सही चुनाव की बातें हैं।
आधुनिक भारत में भी लोग कृष्ण को कई तरीकों से अपनाते हैं। कुछ तो रोज़ सुबह जप करते हैं, जबकि अन्य उनके मूल्यों को काम‑काजी जीवन में लागू करने की कोशिश करते हैं—जैसे सच्चाई, दया और निष्ठा। बहुत सारे उत्सव जैसे होली, राधाष्टमी और जन्माष्टमी उनके नाम पर मनाए जाते हैं, जिससे समाज में एकता और खुशी का माहौल बनता है।
व्यावसायिक जगत में भी "कृष्ण जैसा नेता" की बात सुनी जाती है—जो टीम को प्रेरित करता है, कठिन समय में धीरज रखवाता है और हर निर्णय में नैतिकता को प्राथमिकता देता है। इस कारण कई कंपनियां अपने प्रोजेक्ट नाम या लीडरशिप मॉडल में कृष्ण के गुणों को शामिल करती हैं।
अगर आप व्यक्तिगत विकास की तलाश में हैं, तो कृष्ण से सीखने वाले कुछ सरल कदम आज़मा सकते हैं: 1) रोज़ छोटा लक्ष्य तय करें और उसे पूरी लगन से पूरा करें—जैसे उनका बाल्यकाल में बँसुरी बजाने का अभ्यास। 2) कठिनाइयों को चुनौती मानें, क्योंकि कंस या दुर्योधन जैसा दुश्मन भी अंत में हार मानता है। 3) अपने आस‑पास के लोगों की मदद करें; इससे रिश्ते मजबूत होते हैं और जीवन में सच्ची खुशी मिलती है।
सारांश में कहा जाए तो कृष्ण सिर्फ़ एक पौराणिक कथा नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान का स्रोत है। उनके बारे में पढ़ना, सुनना या मनन करना हमें बेहतर इंसान बनाता है। चाहे आप धर्म में विश्वास रखें या नहीं, उनकी कहानियों से मिलने वाले संदेश हर किसी के लिए उपयोगी हैं।
IPL 2025 में पर्पल कैप की रेस में प्रसिद्ध कृष्णा सबसे आगे हैं, जिन्होंने 7 मैचों में 14 विकेट झटके हैं। बल्लेबाज़ी में निकोलस पूरण ऑरेंज कैप पर काबिज़ हैं जबकि सूर्यकुमार यादव और विराट कोहली ने भी अपनी रैंकिंग सुधारी है। सभी खिलाड़ियों के आंकड़ों में जबरदस्त मज़बूती नजर आ रही है।