आप रोज़ सोशल मीडिया या समाचार साइट पर कई नई अपडेट देखते हैं। कभी‑कभी वो खबरें सच लगती हैं, लेकिन असल में वह सिर्फ फ़ेक पोस्ट होती है। फ़ेक पोस्ट वह जानकारी है जो जानबूझकर गड़बड़ या गलत फैलाई जाती है। इसका उद्देश्य अक्सर ध्यान खींचना, राजनैतिक फायदा या बस ध्येय‑भ्रमित करना होता है। ऐसे पोस्ट आपके समय और भावनाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए उन्हें पहचानना बहुत जरूरी है।
पहले तो यह देखें कि स्रोत भरोसेमंद है या नहीं। अगर खबर केवल एक अजनबी पेज से आई है और बड़े मीडिया ने इसे कवर नहीं किया, तो सतर्क रहें। दूसरा, बहुत ज़्यादा सनसनीखेज शीर्षक (click‑bait) अक्सर फ़ेक का संकेत होते हैं। तीसरा, तारीख़ या आँकड़े बिना किसी प्रमाण के दिए जाते हैं; ऐसे डेटा को दोबारा चेक करना चाहिए। अंत में, अगर लेख में व्याकरण की कई गलतियां हों तो भी यह शंकास्पद हो सकता है, क्योंकि अधिकांश पेशेवर प्रकाशन इन्हें ठीक रखते हैं।
सबसे पहला कदम – जानकारी को दो या तीन भरोसेमंद साइटों पर क्रॉस‑चैक करें। अगर वही बात सभी प्रमुख समाचार पोर्टल्स में है तो संभावना कम होती है कि वह फ़ेक हो। दूसरा, गूगल इमेज सर्च से फोटो का मूल स्रोत देखें; अक्सर झूठी छवियां पुरानी या अलग संदर्भ में ली गई होती हैं। तीसरा, सोशल मीडिया पर शेयर करने से पहले "Fact‑check" टैब या विश्वसनीय फ़ैक्ट‑चेक साइटें जैसे Alt News, Boom Live आदि देख लें। चौथा, अपने अंदर का संदेह मत दबाएँ – अगर कुछ बहुत ही अजीब लग रहा है तो रुक कर फिर जांचें।
फ़ेक पोस्ट सिर्फ इंटरनेट पर नहीं रहती; टीवी या रेडियो में भी कभी‑कभी ऐसी खबरें आती हैं। इसलिए हर जगह सतर्क रहना चाहिए। यदि आप किसी दोस्त को फ़ेक पोस्ट दिखाते हैं, तो उन्हें सही जानकारी के साथ जवाब दें, बस टोकन शब्दों से बचते हुए। इससे आपका नेटवर्क भी साफ़ रहेगा और दूसरों को झूठी बातों में फँसने का मौका नहीं मिलेगा। याद रखें, एक छोटा प्रयास बड़ी गलतफ़हमी को रोक सकता है।
अंत में यह कहना चाहूँगा कि फ़ेक पोस्ट से लड़ना आसान नहीं, पर संभव है। यदि आप रोज़ कुछ मिनट निकालकर स्रोत जांचें और सही जानकारी फैलाएँ, तो इंटरनेट सभी के लिये अधिक सुरक्षित बन जाएगा। आपका छोटा कदम बड़े बदलाव का हिस्सा बन सकता है – तो आगे बढ़िए, सच को पहचानिए और दूसरों को भी यही सिखाइए।
महाराष्ट्र की साइबर पुलिस ने यूट्यूबर ध्रुव राठी के खिलाफ पैरोडी अकाउंट के द्वारा ट्विटर पर एक फेक पोस्ट करने के आरोप में केस दर्ज किया है। इस पोस्ट में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी के यूपीएससी परीक्षा बिना दिए ही पास करने का दावा किया गया था। पैरोडी अकाउंट की बायो में स्पष्ट था कि इसका राठी के आधिकारिक अकाउंट से कोई संबंध नहीं है। शिकायत बिरला के एक रिश्तेदार की ओर से की गई थी।