When talking about Krishna Janmashtami 2024, भगवान कृष्ण के जन्म का हिन्दू कैलेंडर में सबसे बड़ा उत्सव है, जो फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. Also known as जन्माष्टमी, it marks the divine appearance of भगवान कृष्ण, वृंदावन के लीलाप्रसाद, प्रेम और ज्ञान के प्रतीक and brings community traditions like दहीहंडी, ऊँचा दही का बर्तन, जिसे युवा उत्साह से उठाते हैं into the streets.
जन्माष्टमी के दिन अक्सर व्रत रखा जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य मन को शुद्ध करना और भगवान के प्रति भक्ति को गहरा बनाना है। शाम को घर‑घर में रात्रि पूजा का आयोजन होता है, जहाँ गीता, भागवतमिलन और कृष्ण की लीलाओं पर झूमते हुए भजन गाए जाते हैं। यही समय है जब कई परिवार मिलकर पनीर‑पलड़ी, माखन और मालपुआ जैसे विशेष पकवान बनाते हैं, जिससे खाने‑पीने की भी एक सांस्कृतिक पहलू जुड़ जाता है।
देशभर में इस उत्सव का रूप अलग‑अलग है – बेंगलुरु की दहीहंडी प्रतियोगिता से लेकर वृंदावन की फेरिस व्हील तक, हर शहर अपनी विशेषता दिखाता है। संगीत की धुनों में झूमते नृत्य, शासक कलाकारों की शोकयुक्तियों और स्थानीय मंडलियों की भव्य सजावट, सभी मिलकर इस त्योहार को जीवंत बनाते हैं। इन विविध कार्यक्रमों की खबरें, आयोजन की तिथि‑समय और सुरक्षा उपायों की जानकारी आपको नीचे दी गई सूची में मिल जाएगी, जिससे आप अपने शहर में भाग लेने की योजना आसानी से बना सकेंगे।
अब जब हमने कृष्ण जन्माष्टमी के इतिहास, रीति‑रिवाज़ और आज के उत्सवों की झलक पेश कर दी है, तो नीचे आप इस वर्ष के विभिन्न शहरों में आयोजित कार्यक्रमों, नवीनतम खबरों और विशेष कवरेज की विस्तृत सूची पाएँगे।
Krishna Janmashtami 2024 को 26 अगस्त को मनाया गया, जिससे 26 या 27 तारीख के भ्रम को साफ़ किया गया। अस्थमी तिथि 03:39 एएम से 02:19 एएम तक चली, जबकि मुख्य पूजा आधी रात के बाद हुई। ब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त और निशिता पूजा के समय विशेष रूप से उल्लेखनीय थे। रोहिणी नक्षत्र की अवधि भी इस अवधि में आच्छादित रही। यह महीने के बधुपादी माह में कई अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के साथ जुड़ा है।