इंटरनेट पर हर वेबसाइट का पता डोमेन कहलाता है। कभी‑कभी दो कंपनियों या व्यक्तियों के बीच वही नाम लेकर झगड़ा हो जाता है। इसे हम डोमेन्न विवाद कहते हैं। अगर आप अपनी साइट बनाना चाहते हैं तो इस बात को समझना जरूरी है, नहीं तो बाद में कानूनी परेशानी से बचा नहीं जा पाएंगे।
सबसे बड़ा कारण नाम का मिलना या बहुत похожे होना है। जब दो अलग‑अलग ब्रांड एक ही शब्द या ट्रेडमार्क वाले डोमेन्न चाहते हैं, तो दोनों के बीच टकराव बनता है। कभी‑कभी किसी को पता नहीं चलता कि वही नाम पहले से कोई और इस्तेमाल कर रहा है, इसलिए वह बिना जांचे खरीद लेता है। इस स्थिति में मूल उपयोगकर्ता कोर्ट में केस दायर कर सकता है।
डोमेन्न विवाद का असर सिर्फ कानूनी खर्च तक सीमित नहीं रहता। वेबसाइट बंद हो सकती है, ब्रांड की इमेज को नुकसान पहुंचता है और ग्राहकों के भरोसे में गिरावट आती है। कई बार डोमेन्न को वापस पाने में सालों लग जाते हैं, इसलिए शुरू से ही सावधानी बरतनी चाहिए।
पहला कदम है नाम चुनते समय पूरी रिसर्च करना। गूगल और विभिन्न डोमेन्न रजिस्ट्रियों पर चेक करें कि वही शब्द पहले से किसी को नहीं मिला है। अगर मिलता भी है, तो ट्रेडमार्क या ब्रांड रेज़िस्टरेशन की स्थिति देखें।
दूसरा तरीका है डोमेन्न मॉनीटरिंग सर्विस का इस्तेमाल करना। ये सेवाएँ आपको अलर्ट देती हैं जब कोई नया डोमेन्न आपके ब्रांड से मिलता‑जुलता रजिस्टर करता है। इससे आप समय रहते कदम उठा सकते हैं।
तीसरा, अगर आपका व्यवसाय बड़ा है तो अपने प्रमुख शब्दों के साथ कई एक्सटेंशन ( .com, .in, .net ) एक ही बार में खरीद लें। इस तरह कोई और वही नाम नहीं ले पाएगा और आपके पास बैकअप रहेगा।
यदि फिर भी विवाद हो जाए, तो तुरंत कानूनी सलाह लेना जरूरी है। डोमेन्न विवाद समाधान (UDRP) जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया तेज़ी से केस सुलझा सकती है, लेकिन इसके लिये प्रमाण और सही दस्तावेज़ होना चाहिए।
अंत में याद रखें—डोमेन्न आपके ऑनलाइन पहचान का पहला कदम है। इसे सुरक्षित रखना उतना ही महत्वपूर्ण है जितनी वेबसाइट की डिजाइन या कंटेंट बनाना। इन आसान टिप्स को अपनाकर आप भविष्य के झगड़ों से बच सकते हैं और अपने ब्रांड को बिना बाधा के बढ़ा सकते हैं।
एक दिल्ली स्थित ऐप डेवलपर ने Reliance Industries द्वारा उनकी JioHotstar.com डोमेन के लिए मांगी गई ₹1 करोड़ की मांग को अस्वीकार करने के बाद कानूनी सहायता के लिए गुहार लगाई है। डेवलपर का दावा है कि उन्होंने यह भविष्यवाणी की थी कि JioCinema और Disney+ Hotstar के बीच संभावित विलय होगा। हालांकि Reliance इसे साइबरस्क्वाटिंग का मामला मान रही है और कानूनी कार्रवाई की सोच में है।