अगर आप सोचते हैं कि सिर्फ कुछ ही नामों का जिक्र होता है जब बात अरबपतियों की आती है, तो फिर से एक बार गौर करें। भारत में कई ऐसे उद्यमी हैं जिनका नेट वर्थ लगातार बढ़ रहा है और हर साल नई कहानियां बनाते हैं। इन लोगों के बिज़नेस मॉडल, निवेश रणनीति और सामाजिक योगदान को समझना आपके लिये भी उपयोगी हो सकता है।
सबसे पहले बात करते हैं उन कुछ नामों की जो हमेशा शीर्ष पर दिखते हैं। मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के मालिक, तेल और रिटेल दोनों में भारी निवेश कर रहे हैं। अगला है गौतम अडानी, जिसका समूह ऊर्जा, पोर्ट्स और एग्रीकल्चर में विस्तार करता जा रहा है। फिर इंद्रा नुयेनवाल की कहानी भी खास है; वह एक छोटे से स्टार्ट‑अप से लेकर अब फॉर्च्यून 500 कंपनी तक पहुंच गई हैं।
इनके अलावा टाटा समूह के विभिन्न चेयरमैन, जैसे रतन टाटा और नीरज टाटा, विविध उद्योगों में कदम रखते दिखते हैं—ऑटोमोबाइल से लेकर एयरोस्पेस तक। हर साल इनकी नेट वर्थ बदलती रहती है क्योंकि शेयर मार्केट, विदेशी निवेश और नई प्रोजेक्ट्स उनके पोर्टफोलियो को प्रभावित करते हैं।
नए उद्योगों के उदय से संभावित अरबपतियों की लिस्ट लगातार बदलती रहती है। टेक सेक्टर में फ़िनटेक, एआई और क्लाउड कंप्यूटिंग पर काम करने वाले स्टार्ट‑अप्स को देखना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, बेंगलुरु की एक नई कंपनी ने डिजिटल भुगतान में इनोवेशन किया और अब उसकी वैल्यूज़ करोड़ों डॉलर तक पहुंच गई हैं।
इसे अलावा हेल्थकेयर और जैव प्रौद्योगिकी भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। यदि कोई युवा उद्यमी इस क्षेत्र में सफल प्रोडक्ट लॉन्च कर लेता है, तो वह जल्द ही अरबपति बन सकता है। यही कारण है कि निवेशकों की नजर इन क्षेत्रों पर हमेशा रहती है।
आपके लिये क्या फायदेमंद हो सकता है? अगर आप शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहते हैं, तो उन कंपनियों के स्टॉक्स देखें जो इन अरबपतियों द्वारा चलाए जा रहे हैं। उनका प्रदर्शन अक्सर बाजार की दिशा तय करता है। साथ ही, रियल एस्टेट और सॉलर एनर्जी जैसी सेक्टर भी स्थिर रिटर्न दे सकते हैं।
एक बात याद रखें—अमेरिकन या यूरोपीय अरबपतियों के मुकाबले भारतीय अरबपति अधिक विविध व्यवसायों पर ध्यान देते हैं। इसलिए उनका पोर्टफोलियो अक्सर कई इंडस्ट्रीज में फैला रहता है, जिससे जोखिम कम हो जाता है। यही कारण है कि उनके निवेश मॉडल को समझना फायदेमंद होता है।
जब आप इन सफल व्यक्तियों की कहानी पढ़ते हैं तो प्रेरणा मिलती है, लेकिन साथ ही यह भी सीखते हैं कि किस तरह से सही समय पर सही निर्णय लेना चाहिए। चाहे वह नई तकनीक में निवेश हो या पारंपरिक उद्योगों का विस्तार, रणनीति हमेशा मुख्य रहनी चाहिए।
अंत में, अगर आप अरबपति बनना चाहते हैं तो सिर्फ पैसा कमाने की सोच नहीं रखनी चाहिए, बल्कि सामाजिक योगदान और स्थायी विकास पर भी ध्यान देना होगा। ऐसा करने से आपका ब्रांड भरोसेमंद बनेगा और दीर्घकालिक सफलता मिलेगी।
गौतम अडानी, अदानी समूह के अध्यक्ष, हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 में मुकेश अंबानी को पछाड़कर सबसे धनी भारतीय बन गए हैं। अडानी की कुल संपत्ति 11.6 लाख करोड़ रुपये हो गई है जबकि अंबानी की संपत्ति 10.14 लाख करोड़ रुपये है। पिछले साल अडानी की संपत्ति में भारी गिरावट आई थी लेकिन इस साल उनकी संपत्ति में 95% का इजाफा हुआ है।