आसदुद्दीन ओवैसि की राजनीति – क्या खास है?

अगर आप भारतीय राजनिती में मुसलमानों के प्रतिनिधित्व को समझना चाहते हैं, तो आसदुद्दीन ओवैसि का नाम सुनते ही दिमाग में उनके बयानों और चुनावी जीत की तस्वीर आती है। उनका सफर सिर्फ एक स्थानीय नेता से शुरू नहीं हुआ, बल्कि हैदराबाद से लेकर संसद तक का रास्ता बना।

शुरुआत और राजनीतिक पृष्ठभूमि

ओवैसि का जन्म 1969 में हैदराबाद के एक राजनेता परिवार में हुआ था। उनके पिता, सलीम ओवैसि, भी AIMIM (ऑल इंडिया मुस्लिम लीग) के नेता थे, इसलिए बचपन से ही राजनीति उनके खून में थी। शुरुआती दिनों में उन्होंने वकील का काम किया और फिर धीरे‑धीरे पार्टी की रणनीति में हिस्सा लेना शुरू किया। 2004 में पहली बार लोकसभा सीट जीतकर वह राष्ट्रीय मंच पर आए और तब से लगातार दो‑तीन चुनाव जीते हैं।

मुख्य मुद्दे और बयान

ओवैसि अक्सर कम्युनिटी के अधिकारों, शिक्षा और रोजगार की बात करते हैं। उन्होंने कई बार मुस्लिम समुदाय को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का समर्थन किया है। उनका एक प्रमुख बिंदु यह है कि सरकार को अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, चाहे वह कानून हो या सामाजिक पहल। इन बयानों ने उन्हें समर्थकों और विरोधियों दोनों की नजरों में खड़ा कर दिया है।

उनकी शैली सीधी और अक्सर टकराव भरी होती है। जब भी कोई मुद्दा विवादास्पद होता है, वे बिना झिझक अपने विचार रख देते हैं। इस कारण से मीडिया में उनका कवरेज बढ़ता रहता है—चाहे सकारात्मक हो या नकारात्मक।

एक और बात जो अक्सर चर्चा में आती है वह है उनकी चुनावी रणनीति। ओवैसि ने छोटे‑छोटे वार्डों में व्यक्तिगत संपर्क बनाकर, स्थानीय समस्याओं को समझकर वोटर्स के साथ भरोसा बनाया। उन्होंने युवा वर्ग को भी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर जुड़ाव दिया, जिससे उनके समर्थन में बढ़ोतरी हुई।

हाल ही में वह राष्ट्रीय स्तर की कई बारीकियों में शामिल रहे हैं—जैसे कि संसद में विभिन्न विधेयकों पर बहस करना और अलग‑अलग राज्य के नेताओं से मुलाकातें रखना। उनका मानना है कि अगर मुस्लिम समुदाय को विकास की राह पर लाया जाए, तो देश का समग्र विकास भी तेज़ होगा।

कुल मिलाकर आसदुद्दीन ओवैसि का राजनिती सफर एक छोटे शहर से शुरू होकर राष्ट्रीय मंच तक पहुँचता दिखाता है कि स्थानीय मुद्दे कैसे बड़े स्तर की राजनीति में बदल सकते हैं। अगर आप उनके काम को फॉलो करना चाहते हैं, तो हर चुनावी अभियान और उनका बयानों पर नज़र रखिए—वह हमेशा कुछ नया लेकर आते रहते हैं।

आसदुद्दीन ओवैसी का 'जय फिलिस्तीन' नारा लोकसभा में विवाद का कारण बना

आसदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा शपथग्रहण के दौरान 'जय फिलिस्तीन' का नारा लगाया, जिससे भाजपा के सांसदों में हंगामा मच गया। ओवैसी ने अपनी शपथ लेने के बाद 'जय भीम, जय मिज़, जय तेलंगाना' और 'अल्लाह हू अकबर' भी कहा। इस पर भाजपा सांसदों ने जोरदार विरोध जताया।

आगे पढ़ें