जब किसी करीबी का देहांत हो जाता है, तो हम सबको अंतिम संस्कार की तैयारी करनी पड़ती है. यह प्रक्रिया दुखद होती है, लेकिन सही जानकारी से काम आसानी से चल जाता है। नीचे हमने मुख्य कदम और ध्यान रखने योग्य बातें लिखी हैं, ताकि आप बिना उलझन के सभी रीतियों को पूरा कर सकें.
1. शव प्राप्ति – अस्पताल या घर से शव को भरोसेमंद एजेंट या परिवार की मदद से लाया जाता है। यह समय काफ़ी भावनात्मक होता है, इसलिए शांत रहना ज़रूरी है.
2. आसन चयन – हिन्दू धर्म में आमतौर पर कफ़न में शरीर को रखा जाता है और फिर उसे घाट या श्मशान तक ले जाया जाता है। यदि आप अन्य धर्म की रीतियों का पालन कर रहे हैं, तो उनके अनुसार व्यवस्था करें.
3. अंत्येष्टि संस्कार – यह मुख्य रिवाज़ है जिसमें पिंड को आग में जलाकर अंतिम यात्रा पूरी की जाती है। इसमें मंत्रोच्चारण, तर्पण और कर्तव्य समाप्ति के लिये शोक सभा शामिल हैं.
4. शोक अवधि – अन्त्येष्टि के बाद 13 दिन या उससे अधिक समय तक शोक माना जाता है. इस दौरान परिवार को विश्राम देना, पवित्र पाठ सुनाना और दान‑धर्म करना सामान्य है.
सही संस्था चुनें: अगर आप नहीं जानते कि कहाँ से शुरू करें, तो स्थानीय मंदिर या पंडित से सलाह लें. वे अक्सर भरोसेमंद अंत्येष्टि सेवाओं की सूची दे सकते हैं.
दस्तावेज़ तैयार रखें: मृत्यु प्रमाण पत्र, पहचान पत्र और बीमा दस्तावेज़ तुरंत चाहिए होते हैं. इन्हें एक फ़ोल्डर में रख दें ताकि प्रक्रिया तेज हो सके.
खर्च का अनुमान: अंत्येष्टि के खर्च में कफ़न, बाड़े की फीस, आग‑जला सामग्री और शोक सभा शामिल होती है. पहले से बजट बनाकर अनावश्यक तनाव से बचें.
परिवार को जिम्मेदारी दें: कई लोग इस समय सब कुछ अकेले करने की कोशिश करते हैं. काम बाँटने से हर कोई आराम से मदद कर सकता है और भावनात्मक बोझ कम होता है.
अंत में, याद रखें कि अंतिम संस्कार केवल शरीर का विदा नहीं, बल्कि आत्मा को शांति देने की प्रक्रिया है. इस समय धैर्य रखिए, अपने आप को सहारा दें और जरूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लें।
कृष्ण कुमार की बेटी तिशा कुमार के अंतिम संस्कार में बॉलीवुड जगत की कई हस्तियों ने भाग लिया। कैंसर से अपनी जंग हारने वाली तिशा का अंतिम संस्कार एक गमगीन माहौल में हुआ। इस मौके पर भजन कुमार, सई मंजरेकर, रितेश देशमुख, फराह खान, साजिद नाडियाडवाला सहित कई लोग शामिल हुए।