अगले महीने अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए फिर से वोटिंग होगी. ये चुनाव सिर्फ अमेरिकी मतदाताओं के लिये नहीं, भारत वालों के लिये भी कई सवाल लेकर आता है। कौन जीत रहा है, किसका नीति भारत को प्रभावित करेगी और हम कैसे इस बारे में अपडेट रह सकते हैं, सब यहाँ मिलेगा.
इस बार दो बड़े पार्टियों के प्रमुख उम्मीदवार सामने आए हैं – डेमोक्रेटिक पार्टी का जॉर्ज बर्न्स और रिपब्लिकन पार्टी की एम्मा क्लार्क. बर्नस ने स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और टेक्नोलॉजी पर जोर दिया है, जबकि क्लार्क आर्थिक विकास, कर घटाव और सुरक्षा को प्राथमिकता देती हैं.
दोनों के पास अलग‑अलग टीमें और सलाहकार हैं। बर्नस की टिम में कई युवा वैज्ञानिक और पर्यावरणविद शामिल हैं, जो भारत-यूएस क्लाइमेट सहयोग को आगे बढ़ा सकते हैं. क्लार्क की आर्थिक नीतियां भारत से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ़ कम करने की संभावनाएं रखती हैं.
अगर बर्नस जीतते हैं, तो संभव है कि यूएस‑भारत रणनीतिक साझेदारी में नई ऊर्जा प्रोजेक्ट्स आएँ. उन्होंने पहले ही कई बार भारत के साथ सौर और पवन ऊर्जा पर काम करने की बात कही थी.
क्लार्क का विज़न व्यापार को तेज करना है. उनका टैरिफ़ घटाव वाला प्लान भारतीय निर्यातकों को फायदा पहुंचा सकता है, खासकर टेक और फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर में.
दोनों ही उम्मीदवारों ने भारत के साथ शैक्षिक विनिमय और वीज़ा आसान बनाने की बात रखी है. अगर ये लागू होते हैं तो छात्र और प्रोफ़ेशनल दोनों को नई अवसर मिलेंगे.
वोटिंग प्रक्रिया खुद भी रोचक है – लगभग 150 मिलियन अमेरिकी लोग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग या मेल‑इन बॉल्ट द्वारा अपना वोट डालते हैं. इस साल कई राज्यों ने ऑनलाइन वैधता बढ़ाई, जिससे चुनाव जल्दी और सुरक्षित हो गया.
अगर आप भारत में रहकर इस चुनाव को फॉलो करना चाहते हैं तो टेलीविजन चैनल, सोशल मीडिया और हमारे साइट पर लाइव अपडेट्स मिलेंगे. हर दिन नई रिपोर्टें और विश्लेषण यहाँ उपलब्ध होंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव सिर्फ अमेरिका की राजनीति नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक और रणनीतिक माहौल को भी बदलता है. इसलिए इसे नजरों में रखना जरूरी है.
आगे के लेखों में हम हर उम्मीदवार की नीतियों का विस्तार से विश्लेषण करेंगे, साथ ही भारत‑अमेरिका संबंध पर उनका संभावित असर बताएँगे. जुड़ें रहे और जानकारी हासिल करते रहें.
व्लादिवोस्तोक में हुए पूर्वी आर्थिक मंच के दौरान, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को आगामी राष्ट्रपति चुनावों में समर्थन करने का मजाक किया। पुतिन ने कमला की 'संक्रामक हंसी' का मजाक बनाया और साथ ही यह भी कहा कि अमेरिका के लोग जो फैसला करेंगे उसे रूस सम्मान करेगा।