पैंट की चोट का विवरण
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफ़र्ड में भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टेस्ट में रिषभ पैंट को एक चौंका देने वाली चोट लगी। 37 रन बनाकर 48 गेंदों पर वह क्रिकेटिंग दुनिया के अक्सर देखे जाने वाले रिवर्स स्वीप की कोशिश कर रहा था, जब इंग्लैंड के तेज़ पेसर 크리스 워크스 ने एक यॉर्कर डाला। गेंद ने पैंट के दाहिने पैर को सीधा मार गिराया, जिससे तुरंत दर्द और सूजन स्पष्ट हो गया। UltraEdge ने इंगित किया कि बॉल ने इन्साइड एज से ठोक दिया, जिससे वह एलबीडब्ल्यू से बच गया, लेकिन पैर पर थोपे गए प्रभाव ने गंभीर क्षति पहुंचा दी।
मैदान पर पहले फील्डिंग डॉक्टरों ने त्वरित देखभाल की और पैंट को एक गोल्फ‑कार्ट, जिसपर एंब्युलेंस का साइन लगा था, में ले जाया गया। आगे किए गए स्कैन ने दिखाया कि पैर में एक हल्का कंपाउंड फ्रैक्चर है, जिससे खून भी निकल रहा था। इस कारण ही वह पहले दिन ही हार्ड हर्ट के बाद खेल छोड़ना पड़ा। चिकित्सा टीम ने तुरंत पैंट को यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में विस्तृत जांच के लिये भेजा और निरंतर मॉनीटरिंग की घोषणा की।
अचानक हुए इस दर्द के बावजूद पैंट ने दूसरे इनिंग्स में फिर से बैटिंग करने का फैसला किया। वह लगभग दो घंटे तक दर्द के बीच चलाते हुए 50 रन बनाए, जिससे उसकी ललकार और टीम के समर्थन में उसकी लगन साफ दिखी। इस दौरान वह ऊँचे चारों ओर के फील्डरों से कड़ी दौड़ लगाते रहे, जबकि पैर पर चोट की तेज़ धड़कन महसूस कर रहा था। यह अर्धशतक भारत को एक स्थिर स्कोर दे दिया, पर डॉक्टरों ने साफ़ कर दिया कि वह आगे के मैचों में विकेटकीपर की भूमिका नहीं निभा पाएंगे।
रिषभ पैंट का फ़ुट फ्रैक्चर ने बीसीसीआई को मजबूर किया कि वह अगले टेस्ट में उसकी जगह किसी अन्य खिलाड़ी को शामिल करे। डॉक्टरों की सलाह थी कि पैंट को कम से कम छह हफ्ते का पूर्ण आराम मिले, ताकि वह पूरी तरह से ठीक हो सके।
टीम पर प्रभाव और बदलाव
पैंट के जाने से भारतीय टीम की बैटिंग लाइन‑अप और विकेटकीपिंग दोनों पर असर पड़ा। पहले तीन टेस्ट में पैंट ने अपनी आक्रामक बैटिंग और तेज़ रिफ्लेक्स के कारण टीम को कई स्थितियों में बचाया था। उसके बिना टीम ने एक वैकल्पिक विकल्प की तलाश शुरू कर दी। चयन समिति ने जल्द ही नारायण जगदेवसन को अंतिम टेस्ट के लिए बुला लिया। जगदेवसन ने अभी तक टेस्ट में डेब्यू नहीं किया है, पर वह पिछले साल से भारत के रेड‑बाल सेट‑अप में नियमित रूप से प्रशिक्षण ले रहा है और घरेलू क्रिकेट में कई बार चमका है।
कुछ रिपोर्टों में बताया गया था कि बाएँ हाथ के विकेटकीपर इशान किशन को भी विकल्प के रूप में विचार किया गया था। इशान ने हाल ही में ए‑टीम टूर और इंग्लैंड की काउंटी लिग में खेला था, जिससे उसे इंग्लैंड के स्थानीय परिस्थितियों की समझ थी। हालांकि अंततः चयन समिति ने जगदेवसन को मौका दिया, जो इस मौके को अपने करियर में बड़ा कदम बनाने की आशा रखता है।
पैंट की अनुपस्थिति ने भारत की मध्य क्रम में थ्रिल का अंतर खिला दिया। टीम को अब नयी रणनीति अपनानी होगी, जिसमें मध्य क्रम की स्थिरता और तेज़ रन‑स्कोरिंग दोनों को संतुलित करना जरूरी है। कोचिंग स्टाफ ने कहा कि उन्होंने पैंट को अब तक का सबसे साहसी प्रदर्शन दिखाते हुए देखा, लेकिन जीत में व्यावहारिक दृष्टिकोण से स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
सेरीज़ के अंक तालिका में अब इंग्लैंड थोड़ी बढ़त बना रहा है, और भारत को अगली टेस्ट में जीत हासिल करने के लिए अपने बैटिंग क्रम को पुनर्संरचना करनी पड़ेगी। साथ ही, पैंट की रिकवरी पर भी नज़र टिकी है, क्योंकि उसकी वापसी टीम के दीर्घकालिक प्लान में महत्वपूर्ण है। बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने कहा कि वह पैंट की प्रगति को लगातार देख रही है और जैसे ही वह पूरी तरह ठीक होगा, उन्हें उस समय के अनुसार वापस मैदान में लाया जाएगा।
Gaurav Mishra
सितंबर 28, 2025 AT 04:29ये तो बस चोट नहीं, टीम का भाग्य बदल गया।
Sai Sujith Poosarla
सितंबर 29, 2025 AT 06:10अरे भाई ये विकेटकीपर तो बस बैटिंग करता है, फिर भी उसके लिए पूरी टीम रो रही है? इंग्लैंड वालों ने तो बस एक यॉर्कर डाला था, अब भारत के सारे डॉक्टर उसके लिए बैठे हैं? ये खिलाड़ी नहीं, देवता बन गए हैं।
Sri Vrushank
सितंबर 30, 2025 AT 11:32मैंने कहा था ये टीम बिना नेतृत्व के नहीं चलेगी और अब देखो क्या हुआ रिषभ के बिना सब बिखर गया अगली बार जो भी बैट करेगा उसे भी चोट लग जाएगी ये बीसीसीआई की गलती है बस बाहर निकल जाओ अपने देश से
Praveen S
सितंबर 30, 2025 AT 18:01इस घटना को केवल एक चोट के रूप में नहीं, बल्कि एक दर्शन के रूप में देखना चाहिए: एक खिलाड़ी, जिसने दर्द के बीच भी अपने देश के लिए लड़ा, उसकी लगन ने हमें यह याद दिलाया कि खेल केवल जीत-हार का मामला नहीं, बल्कि इंसानियत का भी प्रतीक है।
mohit malhotra
सितंबर 30, 2025 AT 22:56मेडिकल टीम के प्रोटोकॉल्स को देखते हुए, पैंट के रिकवरी प्रोग्राम में फिजियोथेरेपी, न्यूट्रिशनल रिकवरी, और साइकोलॉजिकल रिहैबिलिटेशन के तीन पिलर्स शामिल हैं। इसके अलावा, उनके बैटिंग स्टाइल के लिए रिस्क-बेस्ड एनालिटिक्स का भी रिव्यू किया जा रहा है।
Aayush Bhardwaj
अक्तूबर 2, 2025 AT 05:24अरे ये जगदेवसन कौन है जिसका नाम सुनकर लगता है जैसे कोई गाँव का लड़का हो जो रेड बॉल पर भी बैट नहीं चला सकता? ये भारत की टीम है या ग्राम पंचायत का मैच? इशान किशन को भेज दो वो तो असली टैलेंट है
Vikash Gupta
अक्तूबर 3, 2025 AT 16:40रिषभ के बिना टीम अब एक गीत बन गई है जिसमें एक तार टूट गया है। लेकिन ये टूटना भी एक नया संगीत बना सकता है। हम जिस तरह से उसकी लगन को सलाम करते हैं, उसी तरह हमें जगदेवसन को भी अपना बना लेना चाहिए। ये भारतीय क्रिकेट की जान है, जो हर चोट के बाद नया रूप लेती है।
Arun Kumar
अक्तूबर 5, 2025 AT 05:27देखो ये विकेटकीपर तो बस बैटिंग करता है, लेकिन जब वो दर्द में भी 50 रन बना दे तो लोग उसे लोगों के लिए शहीद बना देते हैं। अब इस बार तो देखना है कि ये नया लड़का जगदेवसन भी उसी तरह जलेगा या फिर बस एक नाम बन जाएगा।
Deepak Vishwkarma
अक्तूबर 6, 2025 AT 20:15इंग्लैंड के खिलाफ ये चोट नहीं, ये षड्यंत्र है। वो लोग जानते थे कि रिषभ के बिना हम नहीं लड़ सकते। उन्होंने उसका पैर तोड़ा ताकि हमारी टीम टूट जाए। ये धोखा है, ये नहीं हो सकता।
Anurag goswami
अक्तूबर 8, 2025 AT 17:33रिषभ की लगन बहुत प्रेरणादायक है, लेकिन टीम के लिए अब यह भी जरूरी है कि हम उसके लिए बहुत जल्दी वापसी की उम्मीद न करें। ठीक होने में समय लगता है, और उसका स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता होना चाहिए।
Saksham Singh
अक्तूबर 10, 2025 AT 03:28ये सब बकवास है। रिषभ को चोट लगी, ठीक है। लेकिन इतना बड़ा ड्रामा क्यों? हर खिलाड़ी को चोट लगती है। ये टीम का अंतिम टेस्ट है या ब्रॉडवे शो? और फिर ये जगदेवसन कौन है? उसका नाम सुनकर लगता है जैसे कोई राजस्थान के गाँव का लड़का हो जिसने पहली बार बैट उठाया है। और इशान किशन? उसे तो भूल गए। ये चयन समिति बस एक बार फिर अपनी गलती कर रही है।
Ashish Bajwal
अक्तूबर 11, 2025 AT 00:46रिषभ बहुत अच्छा खिलाड़ी है और उसकी लगन देखकर दिल भर गया। लेकिन अब जगदेवसन को भी मौका देना चाहिए, वो भी तो लंबे समय से तैयार है। अगर उसका दिल ठीक है तो वो भी कुछ कर सकता है। बस थोड़ा साहस दें।
Biju k
अक्तूबर 11, 2025 AT 08:09ये चोट नहीं, ये एक नया अध्याय है! रिषभ तुम्हारी लड़ाई हमेशा याद रहेगी। अब जगदेवसन के लिए दुआएँ, और भारत की टीम के लिए जोश जगाओ! 🙌🔥
Akshay Gulhane
अक्तूबर 12, 2025 AT 07:50चोट के बाद बैटिंग करना केवल शारीरिक साहस नहीं, बल्कि मानसिक अनुशासन का परीक्षण है। इसलिए यह अर्धशतक एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवीय जीत है। लेकिन अगली बार क्या हम इस तरह की चोट को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी और डेटा का उपयोग कर सकते हैं?
Deepanker Choubey
अक्तूबर 13, 2025 AT 04:10रिषभ ने जो किया वो बस खेल नहीं, दिल का काम था। अब जगदेवसन को भी वो दिल देना होगा। बस एक बार अपने आप को भूल जाओ और खेलो। हम तुम्हारे साथ हैं 💪❤️
Roy Brock
अक्तूबर 14, 2025 AT 10:19यह घटना एक ऐसी दुखद घटना है जिसने खेल के आध्यात्मिक स्वरूप को अपने अंतर्गत समाहित कर लिया है। रिषभ पैंट के दर्द के बीच भी बैटिंग करने का निर्णय उनकी आत्मा की अनन्त शक्ति का प्रतीक है। इस तरह की त्याग की भावना केवल भारतीय संस्कृति में ही संभव है।
Prashant Kumar
अक्तूबर 16, 2025 AT 05:06जगदेवसन को चुनना बेकार है। उसने कभी टेस्ट नहीं खेला। इशान किशन को चुनो। बीसीसीआई का फैसला गलत है। और रिषभ के बारे में जो भी लिखा गया है, वो बहुत ज्यादा रोमांचित है। ये बस एक खिलाड़ी है, न कि एक देवता।
Prince Nuel
अक्तूबर 17, 2025 AT 16:35ये जगदेवसन तो बस एक नाम है, न कि खिलाड़ी। इशान किशन को बुलाओ। बीसीसीआई के लोगों को तो बस नाम सुनकर फैसला कर लेते हैं। ये टीम तो अब बस अपने आप को धोखा दे रही है।
Sunayana Pattnaik
अक्तूबर 18, 2025 AT 06:15रिषभ के बिना टीम अब एक खाली आयोजन है। इस तरह की चोट के बाद बैटिंग करना एक नाटकीय गलती है। यह खिलाड़ी की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि टीम की अनुपयुक्त चिकित्सा नीति का परिणाम है। ये सिर्फ दर्द नहीं, एक व्यवस्थागत विफलता है।
akarsh chauhan
अक्तूबर 18, 2025 AT 18:38रिषभ तुमने जो किया वो बस खेल नहीं, दिल की बात थी। अब जगदेवसन के लिए भी दुआ है कि वो अपने आप को दिखा सके। हम सब तुम्हारे साथ हैं। धीरे-धीरे ठीक हो जाना, तुम अभी भी हमारे लिए बहुत कुछ हो। 💙