रायपुर के राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका के हाथों 4 विकेट से हार कर एक बड़ी झटका खाया। भारत ने 286 रन बनाए, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने 4 विकेट खोकर और 4 गेंदें बचाकर 289 रन का लक्ष्य पूरा कर लिया। ये हार सिर्फ एक मैच की नुकसान नहीं, बल्कि भारतीय टीम की एक गहरी कमजोरी को उजागर कर रही है — जसप्रीत बुमराह के बिना वे कैसे जीतेंगे? इसी सवाल को लेकर भारत के विश्व प्रसिद्ध ऑफस्पिनर हरभजन सिंह ने एक सीधी और तीखी टिप्पणी की: "हमें बिना बुमराह के जीतना सीखना होगा।"

दक्षिण अफ्रीका का बल्लेबाजी बवंडर

दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी एक शानदार नाटक थी। कप्तान तेम्बा बवुमा ने 48 गेंदों में 46 रन बनाए, लेकिन असली धमाका एडेन मार्क्रम के साथ आया। उन्होंने 98 गेंदों में 110 रन बनाए — 10 चौके और चार छक्के लगाकर अपना चौथा वनडे शतक और पहला ओपनर के रूप में शतक दर्ज किया। इसके बाद मैथ्यू ब्रीट्ज़क (68 रन, 64 गेंद) और 2003 के जन्म लेने वाले नवयुवक डेवाल्ड ब्रेविस (54 रन, सिर्फ 34 गेंदों में, 5 छक्के) ने 92 रन की जोड़ी जोड़कर भारत की गेंदबाजी को बर्बाद कर दिया। अंत तक बचे केशव महाराज (10*) और कॉर्बिन बॉश (25*) ने शांति से जीत को सुरक्षित कर लिया।

भारत की बल्लेबाजी: एक टुकड़ा, एक आशा

भारत की बल्लेबाजी की एकमात्र चमक के.एल. राहुल थे। उन्होंने 43 गेंदों में 66* रन बनाए — 7 चौके और 2 छक्के लगाकर एक शानदार तेज बल्लेबाजी दिखाई। उनके साथ रवींद्र जडेजा ने 24* रन बनाकर 69 रन की अपराजित भागीदारी बनाई। लेकिन शेष बल्लेबाजों की असमर्थता ने टीम को 286 तक ही सीमित रखा। अगर शुरुआती बल्लेबाज जल्दी आउट हो गए होते, तो ये स्कोर भी बहुत कम हो जाता।

गेंदबाजी में अस्थिरता: अर्शदीप की एकमात्र रोशनी

भारत की गेंदबाजी का एकमात्र आश्वासन अर्शदीप सिंह थे। उन्होंने 10 ओवर में 54 रन देकर 2 विकेट लिए — ये टीम के लिए एकमात्र अच्छी बात थी। दूसरी ओर, प्रसिद्ध कृष्ण ने 8.2 ओवर में 82 रन दिए — एक ऐसा आंकड़ा जो किसी भी टीम के लिए निराशाजनक है। हर्षित राणा भी एक खराब ओवर के बाद अपनी गति खो बैठे। ये गेंदबाजी का असंगठित प्रदर्शन दक्षिण अफ्रीका के लिए एक खुला रास्ता था।

हरभजन की आवाज: बुमराह के बिना टीम का भविष्य

मैच के बाद हरभजन सिंह ने एक ऐसी टिप्पणी की जो टीम इंडिया के लिए एक चेतावनी है। "हम बुमराह के बिना जीतना भूल गए हैं," उन्होंने कहा। "हम उनके आधार पर टीम बना रहे हैं। लेकिन जब वे चोटिल हों, या आराम करें, तो हम बेबस हो जाते हैं।" उन्होंने विशेष रूप से वरुण चक्रवर्ती को वापस लाने की सलाह दी — जो अभी तक वनडे टीम के लिए नहीं खेल चुके। वरुण की स्पिन और राउंड-द-विकेट गेंदबाजी दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों के लिए एक बड़ा चुनौती हो सकती है।

बुमराह की अनुपस्थिति: एक बड़ा सवाल

यह बात भी ध्यान देने लायक है कि जसप्रीत बुमराह अभी भी ICC टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन हैं — 21 जुलाई, 2025 तक। लेकिन उनकी चोट की चिंता बढ़ रही है। मोहम्मद सिराज ने बताया कि इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में उनकी उपलब्धता पर सवाल है। यह तथ्य कि बुमराह के बिना भारत एक वनडे मैच भी नहीं जी पाया, एक खतरनाक संकेत है। टीम ने अपनी गेंदबाजी की रणनीति में बुमराह को एक आधार बना लिया है — जो अब एक बड़ी कमजोरी बन गया है।

अगला चरण: रायपुर का निर्णायक मैच

यह मैच दो मैचों की सीरीज का दूसरा था। पहला मैच भारत ने जीता था। अब अगला मैच शनिवार को रायपुर में होने वाला है — यह एक डेसिडर मैच है। भारत के लिए यहां बस एक ही चीज़ चाहिए: एक नई रणनीति। बुमराह के बिना भी जीतने की क्षमता विकसित करनी होगी। अगर वे इस अवसर को नहीं निकाल पाए, तो अगले वर्ष के विश्व कप के लिए उनकी तैयारी बहुत जल्दी खराब हो सकती है।

क्या हुआ था दक्षिण अफ्रीका के लिए?

दक्षिण अफ्रीका की जीत एक नए युग की शुरुआत है। बवुमा और मार्क्रम की नेतृत्व भूमिका, ब्रेविस जैसे युवाओं का आगमन, और बॉश-महाराज जैसे अंतिम ओवर के निपुण खिलाड़ियों का समर्थन — ये सब एक टीम की गहराई को दर्शाता है। वे अब सिर्फ बुमराह के बिना भारत को हरा नहीं रहे, बल्कि उनके बिना भी जीत के लिए तैयार हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्यों हरभजन सिंह ने वरुण चक्रवर्ती को वापस लाने की सलाह दी?

हरभजन का मानना है कि भारतीय टीम में गेंदबाजी की विविधता की कमी है। वरुण चक्रवर्ती की स्पिन और गति के साथ उनकी गेंदबाजी बल्लेबाजों के लिए अज्ञात चुनौती है। उनकी गेंदें ज्यादातर बल्लेबाजों के बाहरी किनारे पर चलती हैं, जो दक्षिण अफ्रीका के जैसे टीम के लिए खतरनाक हो सकती हैं। वरुण की वापसी बुमराह के बिना भी टीम को एक नया ऑप्शन दे सकती है।

प्रसिद्ध कृष्ण का प्रदर्शन क्यों इतना खराब रहा?

प्रसिद्ध कृष्ण ने इस मैच में 8.2 ओवर में 82 रन दिए, जिसमें 7 छक्के भी शामिल थे। उनकी गेंदबाजी की गति और लक्ष्य दोनों में अस्थिरता देखी गई। उनकी गेंदें बल्लेबाजों के लिए आसान टारगेट बन गईं। यह उनके तकनीकी तरीके या दबाव में असमर्थता का परिणाम हो सकता है। अगर वे अगले मैच में भी ऐसा करते हैं, तो उनकी टीम में जगह संदिग्ध हो जाएगी।

जसप्रीत बुमराह की चोट क्या है और क्या वे अगले मैच में खेलेंगे?

बुमराह की चोट का आधिकारिक विवरण अभी जारी नहीं हुआ है, लेकिन उनके लगातार आराम के दौरान उनकी बाह और कमर की मांसपेशियों पर दबाव का इशारा है। मोहम्मद सिराज ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में उनकी उपलब्धता संदिग्ध है। अगर वे अगले वनडे मैच में नहीं खेलेंगे, तो भारत को एक नए तेज गेंदबाज की आवश्यकता होगी — जो बुमराह की तरह अंतिम ओवर में दबाव बना सके।

दक्षिण अफ्रीका की टीम में कौन से युवा खिलाड़ी ने ध्यान आकर्षित किया?

डेवाल्ड ब्रेविस (2003) ने 34 गेंदों में 54 रन बनाकर अपनी शक्ति दिखाई। उनकी बल्लेबाजी बेहद तेज थी — 5 छक्के और 1 चौका। इसके अलावा, मैथ्यू ब्रीट्ज़क (1998) ने अपनी शांत और सटीक बल्लेबाजी से टीम को स्थिरता दी। ये दोनों युवा खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका के भविष्य के आधार हैं।

अगले मैच में भारत को क्या बदलाव करने चाहिए?

भारत को प्रसिद्ध कृष्ण के स्थान पर अभिषेक शर्मा या अमित मिश्रा को शामिल करना चाहिए। गेंदबाजी में विविधता के लिए वरुण चक्रवर्ती को टीम में शामिल किया जाना चाहिए। बल्लेबाजी में ऋषभ पंत को नंबर 4 पर लाया जा सकता है। ये बदलाव टीम को बुमराह के बिना भी लचीला बना देंगे।

इस हार का विश्व कप पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?

यह हार भारत की विश्व कप तैयारी के लिए एक लाल चिन्ह है। अगर टीम बुमराह के बिना भी जीत नहीं सकती, तो विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी जीत की संभावना कम हो जाएगी। टीम को अब एक ऐसी रणनीति बनानी होगी जो किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर न हो।