बाजार की स्थिति और प्रमुख कारण
शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार ने लगातार छठा निरंतर गिरावट का रिकॉर्ड बनाया। भारतीय शेयर बाजार ने सेंसेक्स को 733 अंकों की गिरावट के साथ बंद किया, जबकि निफ्टी 24,700 के निचले स्तर को क्षतिग्रस्त कर रहा था। इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा नई टैरिफ घोषणा को माना गया। उन्होंने ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ और भारी-ट्रक पर 25% टैरिफ की घोषणा की, जिससे यू.एस. बाजार पर भारी निर्भर भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनियों को सीधा झटका लगा।
फार्मा सेक्टर ने सबसे तेज गिरावट दर्ज की। कई बड़े दवा निर्माता, जिनकी आय का एक बड़ा हिस्सा यू.एस. निर्यात से आता है, को अब महँगे टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। इस कारण निवेशकों ने जोखिम को कम करने के लिए फॉर्मा शेयरों को बेच दिया। उद्योग विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि यदि टैरिफ नीति स्थायी रही तो भारतीय फार्मा कंपनियों की वार्षिक आय पर 5%‑10% तक का असर हो सकता है।
ट्रेडिंग सत्र में ग्लोबल मनी फ्लो का भी असर देखा गया। डॉलर इंडेक्स ने अपने हालिया शीर्ष स्तर से लगभग 10% की गिरावट दर्ज की, जिससे कुछ विश्लेषकों ने अनुमान लगाया कि अमेरिकी कर नीति को समायोजित कर विदेशी निवेश को आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है। यह नीति भारतीय निवेशकों के लिए दोधारी तलवार बनकर सामने आई: एक ओर डॉलर के कमजोर होने से निर्यातकों को मदद मिलती है, तो दूसरी ओर टैरिफ की अनिश्चितता बाजार को निचले स्तर पर ले जाती है।
कॉरपोरेट खबरें और आगे की संभावनाएँ
बाजार की दिशा पर असर डालने वाली प्रमुख कॉरपोरेट घटनाओं में टाटा मोटर्स ने नया CEO‑MD शैलेश चंद्र और नया CFO धीरज गुप्ता की नियुक्ति की घोषणा की। यह बदलाव कंपनी के इलेक्ट्रिक वाहन (EV) एक्सपैंशन को तेज करने के इरादे को दर्शाता है, परंतु निवेशकों ने इस खबर को सकारात्मक तो देखा लेकिन टैरिफ के कारण शेयरों में सीमित फायदा दिखा।
हिंदुस्तान यूनिलीवर लि (HUL) ने अपने द्वितीय तिमाही के कारोबार में लगभग स्थिर वृद्धि की रिपोर्ट दी। कंपनी ने बताया कि GST दर में कटौती ने सितंबर की बिक्री को प्रभावित किया, जिससे ग्रॉस रेवेन्यू में हल्की गिरावट आई। यह आंकड़ा निवेशकों को इस बात की याद दिलाता है कि कर नीति में बदलाव भी कंपनियों की कमाई को सीधे प्रभावित करता है।
- महिंद्रा एण्ड महिंद्रा (M&M) के स्टॉक में 4% की गिरावट।
- एटरनल के शेयर 3% कम हुए।
- गैल इंडिया (GAIL) की ट्रेडिंग कीमत ₹172.20 पर रही।
- नुवोको (Nuvoco) के शेयर भी सत्र के दौरान उल्लेखनीय गिरावट दिखा।
बाजार विश्लेषकों ने गिफ्ट निफ्टी के संकेतों को कमजोर बताया। कुछ ने कहा कि लघु‑अवधि में गिरावट जारी रह सकती है, जब तक टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता दूर नहीं होती। दूसरी तरफ, कुछ वित्तीय अधिकारियों ने FY26 के लिए लक्षित राजस्व और बजट घाटे को पूरा करने का आश्वासन दिया, जिससे सरकारी नीतियों में स्थिरता का संकेत मिलता है।
बाजार को आगे देखते हुए, दो प्रमुख फोकस क्षेत्रों का उल्लेख किया गया। पहला, यू.एस. टैरिफ नीति में संभावित संशोधन और उसके बाद की प्रतिक्रियाएँ। दूसरा, घरेलू कर नीति में बदलाव, जैसे GST कटौती और अन्य शुल्कों की पुनरवर्टन, जो कंपनियों की तिमाही परिणामों को सीधे प्रभावित करेगा। इन दोनों बिंदुओं के स्पष्ट हो जाने से निवेशकों के मन में आशा पैदा होगी और शेयर बाजार में संभावित उछाल की संभावना बढ़ेगी।
Sarith Koottalakkal
सितंबर 27, 2025 AT 10:26कोई रिप्लाई नहीं, कोई समाधान नहीं, बस ट्रम्प के ट्वीट्स का इंतजार
Sai Sujith Poosarla
सितंबर 27, 2025 AT 18:52अब तो लगा दो बंद करने का नल
हमारी दवाएं दुनिया की जान बचाती हैं पर हम खुद जी रहे हैं अपने बाजार के लिए
Sri Vrushank
सितंबर 29, 2025 AT 07:03अगर तुम जानते हो तो जान लो कि ये टैरिफ नहीं बल्कि एक अर्थव्यवस्था को गिराने का रास्ता है
Praveen S
सितंबर 30, 2025 AT 06:59हर बार बाहरी शक्तियों को दोष देने की आदत ने हमें आत्मनिर्भरता से दूर कर दिया है...
mohit malhotra
अक्तूबर 1, 2025 AT 05:56हमारे फार्मा कंपनियों को अब इमर्जिंग मार्केट्स और ब्रिक्स ब्लॉक की ओर फोकस करना चाहिए, न कि यूएस के अनुमानों पर निर्भर रहना
Gaurav Mishra
अक्तूबर 2, 2025 AT 22:00Aayush Bhardwaj
अक्तूबर 3, 2025 AT 04:18असली बात ये है कि हमारी सरकार ने कभी फार्मा इंडस्ट्री को रिसर्च और इनोवेशन के लिए निवेश नहीं किया
अब तो बाहरी दबाव से बचने के लिए भी नहीं तैयार
Arun Kumar
अक्तूबर 4, 2025 AT 20:25अब तो अमेरिका के बिना भी दुनिया को दवाएं देना होगा
अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, दक्षिण एशिया - ये सब नए ऑप्शन हैं
हम अभी भी ट्रम्प के ट्वीट के लिए रो रहे हैं जबकि दुनिया बदल रही है
Deepak Vishwkarma
अक्तूबर 6, 2025 AT 11:23ये नहीं तो अब हम अपनी दवाएं अपने ही देश में बेचेंगे
हम अमेरिका के लिए नहीं, हम भारत के लिए बनाते हैं
Anurag goswami
अक्तूबर 8, 2025 AT 00:12क्योंकि वो बस दवाएं नहीं बेच रहीं, वो जिंदगियाँ बचा रहीं हैं
Saksham Singh
अक्तूबर 9, 2025 AT 08:17Ashish Bajwal
अक्तूबर 11, 2025 AT 03:06अब वो लगभग 30% बढ़ गए हैं
हमें बस थोड़ा धैर्य रखना है
और हाँ, ट्रम्प ने गलत किया लेकिन हमारी सरकार ने भी गलत किया
Biju k
अक्तूबर 12, 2025 AT 23:01हमारे फार्मा उद्योग को अपने आप को दुनिया के सामने फिर से प्रस्तुत करने का मौका मिला है
हम अपने देश को दवाओं का निर्माता बना सकते हैं, न कि केवल निर्यातक
जागो, लड़ो, बनो!
Akshay Gulhane
अक्तूबर 14, 2025 AT 20:38अगर हमारी दवाएं इतनी अच्छी हैं, तो फिर वे बाहरी बाजारों पर क्यों निर्भर हैं?
हमें अपने आंतरिक बाजार को मजबूत करना चाहिए, न कि बाहरी दबावों के खिलाफ लड़ना
Deepanker Choubey
अक्तूबर 16, 2025 AT 10:17हमारी दवाएं दुनिया के लिए हैं न कि केवल अमेरिका के लिए
अफ्रीका और दक्षिण एशिया के लिए अपनी डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बनाओ
और हाँ, ये गिरावट तो बस एक अस्थायी चक्र है
हम इसे एक नए आयाम में बदल सकते हैं
Roy Brock
अक्तूबर 16, 2025 AT 10:32जिसमें फार्मा कंपनियाँ, वैश्विक बैंक, और वॉशिंगटन के लॉबीस्ट एक साथ आकर हमें नियंत्रित कर रहे हैं
हमारी दवाएं बचाती हैं, लेकिन हमारे नेता बेच रहे हैं
हमें अपने आप को बचाना होगा, नहीं तो अगला कदम हमारे बाजार का नियंत्रण होगा
Prashant Kumar
अक्तूबर 17, 2025 AT 06:21उत्तर: 40% से अधिक
लेकिन आप नहीं जानते क्योंकि आप बस ट्रम्प को दोष देना चाहते हैं
Prince Nuel
अक्तूबर 18, 2025 AT 10:34अगले दो साल में हमारे फार्मा सेक्टर के नीचे का बाजार अपने आप बंद हो जाएगा
क्योंकि हमने अपने अंदर का निर्माण ही नहीं किया
अब तो बाहरी दबाव आ गया, तो बाहर जाकर बचो